
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने 9 राज्यों में 4645.60 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली कई परियोजनाओं को मंजूरी दी
* इन परियोजनाओं से असम, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश को लाभ मिलेगा
* उच्च स्तरीय समिति ने असम के लिए 692.05 करोड़ रुपए की लागत से आर्द्रभूमि (वेटलैंड्स) को पुनर्जीवित और उनका पुनरुद्धार करने की योजना को मंजूरी दी
* केन्द्रीय गृह मंत्री ने सिक्किम सरकार को वर्ष 2025-26 के लिए SDRF की केन्द्रीय हिस्सेदारी की दूसरी किस्त के रूप में 24.40 करोड़ रुपए की राशि को अग्रिम रूप से जारी करने की मंजूरी दी
दया शंकर चौधरी
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति ने 4645.60 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली कई न्यूनीकरण (Mitigation), पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण परियोजनाओं (Recovery & Reconstruction Projects) को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से 9 राज्यों - असम, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आपदा प्रतिरोधी भारत (Disaster Resilient India) विजन को साकार करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है। केन्द्रीय वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सदस्यता वाली इस उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से राज्यों को वित्तीय सहायता दिए जाने के प्रस्ताव पर विचार किया।
उच्च स्तरीय समिति ने असम के लिए 692.05 करोड़ रुपए की लागत से आर्द्रभूमि (वेटलैंड्स) को पुनर्जीवित और उनका पुनरुद्धार करने की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के कार्यान्वयन से आर्द्रभूमि की क्षमता बढ़ेगी, बाढ़ भंडारण क्षेत्र बनेगा, बाढ़ से निपटने की क्षमता में वृद्धि होगी, जलीय पर्यावरण की रक्षा होगी और मत्स्य पालन की बेहतर अवसंरचना के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 692.05 करोड़ रुपए में से केन्द्र का हिस्सा 519.04 करोड़ रुपए (75%) और राज्य का हिस्सा 173.01 करोड़ रुपए (25%) होगा। इसमें असम के 9 जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली में फैली 24 विशिष्ट आर्द्रभूमियों की पुनर्स्थापना और पुनरुद्धार के लिए शमन गतिविधियों की परियोजनाएं शामिल हैं। कई संरचनात्मक और अन्य उपायों के माध्यम से असम में यह परियोजना आर्द्रभूमि/बील (Beels) की जल धारण क्षमता को बढ़ाएगी और बाढ़ एवं कटाव के जोखिम को कम करने में मदद करेगी। यह मंजूरी असम में संरक्षण और बाढ़ न्यूनीकरण के लिए आर्द्रभूमि के विकास के केन्द्रीय गृह मंत्री के विजन के अनुरूप है। परियोजना का दीर्घकालिक कवरेज असम के भीतर समग्र ब्रह्मपुत्र पर लक्षित है और इसलिए इस परियोजना को बाढ़-प्रतिरोधी ब्रह्मपुत्र घाटी स्थापित करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देखा जा रहा है। उच्च स्तरीय समिति ने शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम (UFRMP) के दूसरे चरण को भी मंजूरी दी है, जो भोपाल, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, जयपुर, कानपुर, पटना, रायपुर, तिरुवनंतपुरम, विशाखापत्तनम, इंदौर और लखनऊ जैसे 11 शहरों के लिए है। इसकी कुल वित्तीय लागत 2444.42 करोड़ रुपए है, जिसे राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष से वित्त पोषित किया जाएगा। इन 11 शहरों का चयन सबसे अधिक आबादी वाले शहरों/राज्यों की राजधानियों की स्थिति, बाढ़ की प्राथमिक संवेदनशीलता के साथ-साथ अन्य भौतिक, पर्यावरणीय, सामाजिक-आर्थिक और जल-मौसम संबंधी कारकों पर विचार के आधार पर किया गया है। यह कार्यक्रम राज्यों को उनके शहरों में शहरी बाढ़ के जोखिम को कम करने में एकरूप संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक हस्तक्षेप उपायों के माध्यम से पूरक बनाएगा। वित्त पोषण का पैटर्न NDMF दिशानिर्देशों के अनुसार केन्द्र और राज्य के बीच लागत को साझा किए जाने पर आधारित होगा, अर्थात् 90% केन्द्र द्वारा और 10% राज्य द्वारा साझा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उपरोक्त 11 शहरों में से उच्च स्तरीय समिति ने गुवाहाटी शहर के लिए बाढ़ न्यूनीकरण परियोजनाओं के लिए डिज़ाइन कार्यक्रम को 200 करोड़ रुपए की कुल वित्तीय लागत के साथ मंजूरी दी है, जिसमें से 180 करोड़ रुपए NDMF से केन्द्र का हिस्सा होगा। गुवाहाटी शहर के लिए शहरी बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण परियोजना में शामिल गतिविधियाँ संरचनात्मक उपायों जैसे जल निकायों की इंटरलिंकिंग, तूफानी जल प्रबंधन, बाढ़ प्रतिरोध दीवार का निर्माण, प्रकृति-आधारित समाधानों (NBS) का उपयोग करके कटाव नियंत्रण और मृदा स्थिरीकरण आदि के साथ-साथ गैर-संरचनात्मक उपाय जैसे बाढ़ प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, डेटा अधिग्रहण प्रणाली और क्षमता निर्माण आदि शामिल हैं। इससे पहले, केन्द्र सरकार ने सात महानगरों- चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे के लिए 3075.65 करोड़ रुपए की कुल वित्तीय लागत के साथ शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रमों को मंजूरी दी थी। इसके अलावा, केन्द्र सरकार ने भूस्खलन (1000 करोड़ रुपए), GLOF (150 करोड़ रुपए), जंगल की आग (818.92 करोड़ रुपए), आकाशीय बिजली (186.78 करोड़ रुपए) और सूखे (2022.16 करोड़ रुपए) के क्षेत्रों में कई खतरों के जोखिमों को कम करने के लिए कई शमन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी थी। उच्च स्तरीय समिति ने 2022 के बाढ़/भूस्खलन और वायनाड भूस्खलन-2024 की घटनाओं के बाद पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण गतिविधियों/योजना के लिए असम को 1270.788 करोड़ रुपए और केरल को 260.56 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता को भी मंजूरी दी। ये पुनर्प्राप्ति सहायता असम और केरल राज्यों को 2022 की बाढ़/भूस्खलन और वायनाड भूस्खलन 2024 के दौरान हुए नुकसान और विनाश के कारण उत्पन्न होने वाली पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण गतिविधियों को पूरा करने में मदद करेगी। इससे पहले, केन्द्र सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव के बाद उत्तराखंड के लिए 1658.17 करोड़ रुपए, 2023 की GLOF घटना के बाद सिक्किम के लिए 555.27 करोड़ रुपए और 2023 की बाढ़, भूस्खलन, मूसलाधार बारिश की घटना के बाद हिमाचल प्रदेश के लिए 2006.40 करोड़ रुपए की पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण योजनाओं को मंजूरी दी थी। यह अतिरिक्त सहायता केन्द्र द्वारा राज्यों को राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) में दी गई धनराशि के अतिरिक्त है, जो पहले से ही राज्यों के पास रखी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, केन्द्र सरकार ने 27 राज्यों को SDRF के तहत 13,578.80 करोड़ रुपए और 12 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (NDRF) के तहत 2,024.04 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, केन्द्रीय गृह मंत्री ने सिक्किम सरकार को वर्ष 2025-26 के लिए SDRF की केन्द्रीय हिस्सेदारी की दूसरी किस्त के रूप में 24.40 करोड़ रुपए की राशि को अग्रिम रूप से जारी करने की मंजूरी दी है। इसके अलावा, केन्द्र सरकार ने 21 राज्यों को राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष से 4,412.50 करोड़ रुपए और 09 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोश से 372.09 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
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