
सस्ते 5G Wi-Fi प्लान Airtel-Jio के लिए बने मुसीबत
नई दिल्ली। देश में टेलीकॉम ऑपरेटर तेजी से 5G आधारित फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) होम कनेक्शन को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि यह कम कीमत वाला, डेटा-भारी मॉडल लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है और इससे रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों को भविष्य में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
तेजी से ग्राहक जोड़ रहीं कंपनियां
जियो और एयरटेल हर महीने 5 से 7 लाख FWA ग्राहक जोड़ रहे हैं, जिससे डेटा खपत तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि यह एक अस्थायी समाधान है जिसे टेलीकॉम कंपनियां 5G स्पेक्ट्रम से कमाई के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। जैसे-जैसे मोबाइल 5G यूजर्स बढ़ेंगे, FWA कनेक्शन स्पेक्ट्रम को जाम कर सकते हैं, जिससे कंपनियां या तो इसके दाम बढ़ा सकती हैं या फाइबर-आधारित कनेक्शन को बढ़ावा दे सकती हैं।
एवेंडस कैपिटल के प्रवीण झावर ने बताया, "जहां मोबाइल 5G पर टेलीकॉम कंपनियां ₹200 में 1GB प्रतिदिन का प्लान दे रही हैं, वहीं FWA पर तीन महीने के लिए 1000GB ₹2200 में बेचा जा रहा है। यह प्रति GB लागत के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों के लिए घाटे का सौदा बन सकता है।"
अप्रैल 2025 तक भारत में कुल 75 लाख FWA ग्राहक हैं, जिनमें जियो के 61.4 लाख और एयरटेल के 13.6 लाख यूज़र्स शामिल हैं। हर महीने लगभग 7.3 लाख FWA कनेक्शन जुड़ रहे हैं, जो कि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन (3.7 लाख) से कहीं अधिक है।
PwC इंडिया के विनिश बावा ने चेताया कि डेटा खपत वाले घरों के लिए यह मॉडल उपयुक्त नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि टेलीकॉम कंपनियों को अब सिर्फ वॉल्यूम से नहीं, बल्कि वैल्यू-बेस्ड प्लान्स, कंटेंट/क्लाउड इंटीग्रेशन और एंटरप्राइज सेवाओं के जरिये कमाई के मॉडल पर ध्यान देना होगा।
हाइब्रिड मॉडल
आईएसपी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चारिया ने कहा कि उपभोक्ता अब FWA की बजाय फाइबर कनेक्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं। भारत में भी भविष्य में एक हाइब्रिड मॉडल (FWA + डीप फाइबर + साझा इंफ्रास्ट्रक्चर) ही व्यावहारिक और टिकाऊ रास्ता हो सकता है, खासकर टियर 2/3 शहरों में।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).