
डिस्लेक्सिया वाले बच्चों की शिक्षा और अधिकार के लिए योगी सरकार संवेदनशील - प्रो हिमांशु शेखर झा
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय डिस्लेक्सिया एवं एडीएचडी प्रशिक्षण कार्यक्रम का लखनऊ में सफल समापन
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय डिस्लेक्सिया एवं एडीएचडी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को लखनऊ में सफल समापन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य आयुक्त दिव्यांगजन प्रो. हिमांशु शेखर झा ने अपने संबोधन में कहा कि डिस्लेक्सिया वाले बच्चों को भी शिक्षा में समान अवसर और अधिकार सुनिश्चित करने हेतु विभाग पूर्ण संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की शिक्षा को गुणात्मक और सुगम बनाने के लिए अध्यापकों के विशेष प्रशिक्षण, अभिभावक जागरूकता और विशेष कार्ययोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के उप निदेशक डॉ. अमित राय ने अपने संबोधन में जानकारी दी कि डिस्लेक्सिया जागरूकता माह के अंतर्गत यह दो-दिवसीय प्रशिक्षण प्रदेश के सभी 75 जिलों के चयनित अध्यापकों, विशेष शिक्षकों और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित किया गया। इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में, चेंजइंक फाउंडेशन के एसएलडी विशेषज्ञ अमरेश चंद्रा ने विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता के प्रकार, उनकी शीघ्र पहचान, प्रमाणीकरण एवं डिस्लेक्सिया तथा एसएलडी वाले बच्चों के शिक्षण में उपयोगी सहायक प्रौद्योगिकी पर प्रशिक्षण प्रदान किया। इसके अतिरिक्त संजय कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर, डी०एस०एम०एन०आर०यू० ने डिस्लेक्सिया व एडीएचडी की परिभाषा, लक्षण तथा अनुकूल वातावरण निर्माण पर और नागेश पाण्डेय प्रवक्ता सी.आर.सी. लखनऊं ने कक्षा प्रबंधन और सहपाठी ट्यूटरिंग पर प्रशिक्षण प्रदान किया।
द्वितीय दिवस के प्रशिक्षण सत्रों में दीपक कुमार जायसवाल प्रवक्ता, अध्यापक शिक्षक केंद्र, लखनऊ ने डिस्लेक्सिया तथा एडीएचडी वाले बच्चों के पुनर्वास एवं हस्तक्षेप में अभिभावकों एवं विशेषज्ञों के सहयोग पर, डा. स्वाती कात्याल (समृद्धि-ए लर्निंग फाउंडेशन) ने आकलन उपकरण और बहुसंवेदी शिक्षण तकनीकों पर, जबकि डा० मधुबाला यादव मनोवैज्ञानिक (बचपन दे केयर सेंटर लखनऊ) ने सामाजिक-भावनात्मक प्रभाव से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण से संम्पन हुआ।





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