
उत्सव में दिखी जनजातीय कला और परंपराओं की विविध झलक
- आईजीपी में आयोजित छ: दिवसीय जनजाति भागीदारी उत्सव का दूसरा दिन
आयुष सिंह
लखनऊ। गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित जनजाति भागीदारी उत्सव के दूसरे दिन का शुभारम्भ समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने किया। मंत्री ने मंच के पीछे सोनभद्र के कर्मा नृत्य के कलाकारों से भेंट की और उनके साथ उनका पारंपरिक वाद्य मांदर बजाया।
उत्सव की शुरुआत राजस्थान से आए बहुरूपिया कलाकार शमशाद की प्रस्तुति से हुई। उन्होंने अलादीन के जिन की भूमिका निभाते हुए दर्शकों का मनोरंजन किया। उनका संवाद “अलादीन का जिन आज बोतल से बाहर आ गया” सुनते ही सभागार में मुस्कान फैल गई और उनके चुटकुलों पर दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया।
इसके बाद जादूगर साशा ने बच्चों और बड़ों के लिए आकर्षक जादू प्रस्तुतियाँ दीं। बाल दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए किए गए विशेष प्रदर्शन को खूब सराहा गया। साशा कई फिल्मों जैसे मुल्क, जॉली एलएलबी 2, दबंग सरकार, कंजूस मक्खीचूस तथा टीवी कार्यक्रमों क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया में भी भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने हवा में से रुपए निकालने और खाली बॉक्स से फूल निकालने जैसे कई रोचक जादूई करतब दिखाए।
पीलीभीत से आए कलाकारों ने रंजीश राणा के निर्देशन में झींझी नृत्य प्रस्तुत किया। 15 कलाकारों द्वारा दी गई इस प्रस्तुति में समाज में एकता और प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश था। लाड़े सांवरिया और अन्य पारंपरिक गीतों पर प्रस्तुत नृत्य ने दर्शकों को भाव-विभोर किया। कार्यक्रम में झींझी मइया को समर्पित अनाज एकत्र करने की परंपरा और दीपकयुक्त मटके के साथ महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य भी दिखाया गया। समूह की किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये भजन प्रस्तुति को भी दर्शकों ने सराहा।
असम से आए दल ने स्वागता शर्मा के निर्देशन में बोडो नृत्य प्रस्तुत किया। इस नृत्य में बोडो जनजाति की प्रकृति-प्रेम से जुड़ी भावना और उनकी स्वतंत्र लय का सुंदर प्रदर्शन देखने को मिला।
ओडिशा की डुरुआ जनजाति की प्रस्तुति प्रतिमा रथ के नेतृत्व में हुई। 16 कलाकारों ने विशेष दुरुआ पूजा के उपरांत होने वाली उस जनजातीय परंपरा का मंचन किया जिसमें दो बच्चे प्रतीकात्मक संघर्ष करते हैं। यह प्रस्तुति अपनी सांस्कृतिक गहराई के कारण दर्शकों के बीच विशेष आकर्षण का विषय बनी।
कार्यक्रम में संस्कृति निदेशालय की अपर निदेशक डॉ. सृष्टि धवन, सहायक निदेशक रीनू रंगभारती तथा उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।





Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).