
अव्यवस्था का शिकार हुआ रोजगार महाकुंभ
लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान परिसर में मंगलवार को आयोजित रोजगार महाकुंभ में भारी अव्यवस्था देखने को मिली। तीन दिन के इस मेले में हिस्सा लेने के लिए लाखों युवा रात से ही पहुंचने शुरू हो गए थे। सुबह होते-होते आयोजन स्थल के आसपास करीब एक लाख युवाओं की भीड़ जमा हो गई, और 2 किलोमीटर के दायरे में हर तरफ युवा ही नजर आ रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मेले का उद्घाटन किया, लेकिन व्यवस्था की कमी साफ दिखाई दी। भीड़ बार-बार अनियंत्रित हो रही थी, जिसे संभालने के लिए लखनऊ के जिलाधिकारी विशाखजी और पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेंगर को खुद मोर्चा संभालना पड़ा। युवाओं को बैरिकेड्स के जरिए नियंत्रित करने की कोशिश की गई और उन्हें एक जगह बैठाया गया। बेरोजगार युवाओं में भारी नाराजगी थी। उनका कहना था कि न तो उनकी कोई सुनवाई हो रही है, न ही खाने-पीने की कोई व्यवस्था है। कई युवा रात से ही नौकरी की उम्मीद में वहां डटे थे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। कुछ ने आरोप लगाया कि उनकी सीवी लेने के बाद उसे कूड़े में फेंक दिया गया। युवाओं का यह भी कहना था कि आयोजन में इतनी अव्यवस्था थी कि उन्हें समझ ही नहीं आया कि किस स्टॉल पर जाना है। वे एक स्टॉल से दूसरे स्टॉल तक भटकते रहे। कुछ युवाओं ने बताया कि उन्हें जर्मनी में नौकरी का लालच दिया गया था, लेकिन अब दुबई में नौकरी की बात की जा रही है। सरकार ने इस मेले के जरिए 50 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था और दावा किया था कि 100 कंपनियां, जिनमें 20 विदेशी कंपनियां शामिल हैं, नौकरियां प्रदान करेंगी। मेले में भाग लेने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से युवा सेवा योजन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पहुंचे थे।
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भाजपा जाए, तभी नौकरी आए इस अव्यवस्था पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसा। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “रोजगार मेले में बेरोजगार युवाओं का ‘हाय-हाय’ के नारे लगाना और कूड़े में बिखरे उनके बायोडाटा सब कुछ बयान कर रहे हैं। सच यह है कि युवाओं को अब समझ आ गया है कि भाजपा के एजेंडे में नौकरी है ही नहीं। भाजपा जाए, तभी नौकरी आए!”
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