लखनऊ। टाटा ग्रुप की वित्तीय सेवाओं में अग्रणी एनबीएफसी कंपनी टाटा कैपिटल ने अपने सामाजिक कार्यक्रमों की गति बनाए रखी है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में देशभर के 10,00,000 से अधिक नागरिकों तक अपनी पहुँच सुनिश्चित की है। कंपनी ने पानी संरक्षण, क्लीन एनर्जी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में केंद्रित पहल करके सकारात्मक योगदान दिया है।
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, “भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जिम्मेदार वित्तीय भागीदार” की भूमिका निभाते हुए टाटा कैपिटल ने सामाजिक और पर्यावरणीय प्राथमिकताओं को अपनी मुख्य संचालन रणनीति का हिस्सा बनाया है।
पानी संरक्षण के लिए "जलआधार"
टाटा कैपिटल की जलआधार पहल के तहत महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु में 200+ गांवों में जलस्रोतों का विकास किया गया। इस पहल से 2500 लाख लीटर से अधिक पानी संग्रहण क्षमता पैदा हुई, 790 से अधिक जलस्रोतों का पुनरुद्धार हुआ और 540,000 से अधिक नागरिकों को लाभ हुआ। औसतन 5.5 मीटर से भूजल स्तर बढ़ा और किसानों की आय में लगभग ₹30,000 की वृद्धि हुई।
क्लीन एनर्जी के लिए "ग्रीन स्विच"
इस पहल के माध्यम से 19 लोकवस्तियों में डिसेंट्रलाइज्ड सौर ऊर्जा प्रणाली के माध्यम से 24x7 बिजली उपलब्ध कराई गई, जिससे 7,500 से अधिक नागरिक और 1200 घरों को रोशनी मिली। इस पहल का संयुक्त परिणाम यह हुआ कि अब तक महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश की 99 लोकवस्तियों को बिजली मिली और 20,000 से अधिक नागरिकों को सीधे लाभ हुआ। इससे स्थानीय उद्यमियों की वार्षिक आय में औसतन ₹40,000 की वृद्धि हुई।
स्वास्थ्य के लिए "आरोग्यतारा"
उपचार योग्य अंधत्व को समाप्त करने के उद्देश्य से 610,000 लोगों की जांच की गई, और 44,000 से अधिक दृष्टि सुधारक शस्त्रक्रियाएँ की गईं। इस पहल के माध्यम से अब तक 10,00,000 से अधिक नागरिकों तक पहुँच सुनिश्चित की गई है।
शिक्षा के लिए "पंख" छात्रवृत्ति
युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर देने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 12,000 से अधिक छात्रों की सहायता की गई।
इन पहलों के माध्यम से टाटा कैपिटल ने न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक प्रगति में भी योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः प्रमाणित किया है।
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