
ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में कई सार्थक प्रयास कर रहा है सहकारिता विभाग : जेपीएस राठौर
- मंत्री जेपीएस राठौर की अध्यक्षता में सहकारिता मंत्रालय का चतुर्थ स्थापना दिवस कार्यक्रम हुआ आयोजित
- प्रधानमंत्री के 'सहकार से समृद्धि' विजन के तहत ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं
- 38 जिलों में 51 एम-पैक्स समितियों पर जन औषधि केंद्र खोले, जहाँ सस्ती जेनेरिक दवाएं मिलेंगी - मंत्री जे.पी.एस. राठौर
- 266 महिलाओं को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के बाद "ड्रोन दीदी" प्रमाण-पत्र दिए गए और पांच उत्कृष्ट ड्रोन दीदियों को सम्मानित किया गया
- सहकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए 05 एम-पैक्स समितियों को सम्मानित किया गया और 02 अधिकारियों को सहकारी निधि की रक्षा के लिए वीरता सम्मान मिला
- सहकारिता सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन चुकी है और सदस्यता महाभियान में 30 लाख नए सदस्य जुड़े
- कृषकों को उर्वरक आपूर्ति के लिए एम-पैक्स समितियों को ब्याजमुक्त कैश क्रेडिट लिमिट दी गई है
- सहकारी समितियों के भवनों के सुदृढ़ीकरण का कार्य चल रहा है
- उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक आधार सेवाएं देने वाला पहला राज्य सहकारी बैंक बन गया है
- एम-पैक्स समितियों का कंप्यूटरीकृत डेटाबेस बनाया गया है -मंत्री जे.पी.एस. राठौर
- पर्यावरण संरक्षण के लिए "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान में सहभागिता करे- मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर, लखनऊ में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के चतुर्थ स्थापना दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने प्रतिभाग किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विजन को मूर्तरूप देने हेतु वर्ष 2021 में गठित केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के 38 जनपदों की 51 एम-पैक्स समितियों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का लोकार्पण मंत्री श्री राठौर द्वारा किया गया। इन केन्द्रों पर जनसामान्य को 80 से 90 प्रतिशत तक सस्ती जेनेरिक दवाएं एवं सर्जिकल उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे न केवल समितियों की आय बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी।
इस अवसर पर ड्रोन पायलट प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी 266 महिलाओं को “ड्रोन दीदी” प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से चयनित कर आईसीसीएमआरटी, लखनऊ द्वारा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया था। प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क रहा, जिसमें सैद्धांतिक ज्ञान, सिम्युलेटर, फील्ड परीक्षण, मरम्मत व रखरखाव से संबंधित प्रशिक्षण शामिल था। पांच उत्कृष्ट ‘ड्रोन दीदियों’— दिव्या निषाद (गोरखपुर), मोनिका सिंह (शाहजहाँपुर), अर्चना सक्सेना (अमरोहा), पूर्णिमा शर्मा (जौनपुर) और वंदना सिंह (मिर्जापुर) को मंच पर बुलाकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
समारोह में सहकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु प्रदेश की पांच एम-पैक्स समितियों शाहजहांपुर, कानपुर, इटावा, हापुड़ और रायबरेली को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इन समितियों ने कृषि ऋण, उर्वरक वितरण, मूल्य समर्थन योजना और जन औषधि केन्द्र जैसे कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। साथ ही, मेरठ और गौतम बुद्ध नगर के दो सचिवों जयप्रकाश मिश्रा और शिवदत्त शर्मा को उनके द्वारा सहकारी निधि की रक्षा करते समय किए गए साहसिक कार्यों के लिए वीरता सम्मान प्रदान किया गया। दोनों अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए लाखों रुपये की निधि को अपराधियों से बचाया और बैंक में जमा कराया।
इस अवसर पर उपस्थित मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए 9 जुलाई को “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान में सहकारिता विभाग की सहभागिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने पूर्व वर्षों में सहकारिता विभाग द्वारा किए गए वृक्षारोपण प्रयासों की सराहना की और इस वर्ष भी उसे पूर्ण लक्ष्य के साथ संपन्न करने की अपेक्षा जताई। मंत्री श्री राठौर ने सहमति जताते हुए वृक्षारोपण को वृहद स्तर पर संपन्न कराने हेतु 91 सहकारी वाटिकाओं की स्थापना का लक्ष्य उपस्थित अधिकारियों को सौंपा।
मंत्री श्री राठौर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सहकारिता अब आंदोलन नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम बन चुकी है। उन्होंने जानकारी दी कि 1 से 30 सितम्बर 2023 तक आयोजित सदस्यता महाभियान में प्रदेश भर से लगभग 30 लाख नए सदस्य जुड़े और 70 करोड़ रुपये का अंशधन एकत्र हुआ। यह दर्शाता है कि सहकारिता अब प्रदेश के नागरिकों के विश्वास का केंद्र बन चुकी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। कृषकों को उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति हेतु 6700 एम-पैक्स समितियों को 10-10 लाख रुपये की ब्याजमुक्त कैश क्रेडिट लिमिट स्वीकृत की गई है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 15 लाख रुपये करने की घोषणा की जा चुकी है। सहकारी समितियों के जीर्ण-शीर्ण भवनों के सुदृढ़ीकरण हेतु 980 एम-पैक्स का कार्य 70 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण हो चुका है तथा वर्ष 2025-26 में 30 करोड़ रुपए और सहायता प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सौर ऊर्जा योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 258 एम-पैक्स समितियों पर 5 करोड़ रुपये की लागत से सोलर पैनल लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक को यूआईडीएआई द्वारा नामांकन एजेंसी के रूप में शामिल किया गया है, जिससे वह देश का पहला राज्य सहकारी बैंक बन गया है जो आधार से संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराएगा। भविष्य में जिला सहकारी बैंक एवं एम-पैक्स द्वारा भी यह सेवाएं दी जाएंगी।
बलरामपुर जनपद में नया जिला सहकारी बैंक स्थापित किए जाने की प्रक्रिया राज्य सरकार की बजटीय सहायता से प्रगति पर है। सहकार से समृद्धि योजना के तहत एम-पैक्स समितियों का कंप्यूटरीकृत डेटाबेस पीसीयू पर आधारित बनाकर कार्यों की मॉनिटरिंग सरल की गई है। साथ ही मंत्री श्री राठौर ने आईसीसीएमआरटी के प्रशिक्षकों का मानदेय 10,000 से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने की तैयारी है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव सहकारिता सौरभ बाबू ने स्वागत भाषण देते हुए सहकारिता मंत्रालय एवं प्रदेश सरकार द्वारा किए गए नवाचारों और योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता श्री योगेश कुमार ने सभी उपस्थित जनों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी अधिकारियों, आयोजकों और प्रतिभागियों को बधाई दी।
इस अवसर पर मिशन निदेशक एसआरएलएम दीपा रंजन, पूर्व कुलपति केजीएमयू, वरिष्ठ अधिकारीगण, शीर्ष सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षगण, प्रबंध निदेशक तथा सहकारिता विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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