
बढ़ती गर्मी के साथ बढ़ रहा है डायरिया का खतरा
भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है, कई जगहों पर तापमान 50 डिग्री के आसपास चला गया है जिसके चलते लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड के रामनगर और आसपास के इलाकों में तापमान बढ़ने के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है, गर्मी बढ़ने के कारण डायरिया और डिहाइड्रेशन से पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ रही है।
प्रसिद्ध सर्जन डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने चेतावनी दी है कि गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है, अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई, तो मरीज को अस्पताल में भर्ती तक कराना पड़ सकता है कुछ गंभीर मामलों में यह स्थिति जानलेवा भी बन सकती है।
डॉ. अभिषेक ने बताया कि गर्मियों में शरीर से पानी की अत्यधिक कमी हो जाती है और हमारा शरीर लगभग 70 प्रतिशत पानी से बना होता है, अगर शरीर में पानी की मात्रा 50 प्रतिशत से अधिक कम हो जाए तो किडनी समेत अन्य महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर सकते हैं उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण रामनगर क्षेत्र में औसतन प्रतिदिन 10 से अधिक डायरिया के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिनमें से 4 से 5 मरीजों को हालत गंभीर होने पर भर्ती करना पड़ रहा है।
डायरिया और डिहाइड्रेशन के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
डॉ. अभिषेक ने कहा कि अगर आपको अचानक शरीर में कमजोरी महसूस हो, बार-बार उल्टी आए, चक्कर आए या चक्कर आए तो इसे सामान्य न समझें, ये सब डिहाइड्रेशन के शुरुआती लक्षण हैं और आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए उन्होंने कहा कि अगर किसी कारणवश आप डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पा रहे हैं तो घर पर ही ओआरएस का घोल पीना शुरू कर दें, इससे शरीर में खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को वापस लाने में मदद मिलेगी उन्होंने दही के सेवन पर भी जोर देते हुए कहा कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक तत्व हमारी आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखते हैं, जो डायरिया जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
गर्मी में ये सावधानियां जरूरी
डॉ. अभिषेक ने धूप में बाहर निकलने वालों के लिए खास सलाह दी, उन्होंने कहा, जो लोग धूप में काम कर रहे हैं या यात्रा कर रहे हैं, उन्हें सिर ढककर बाहर निकलना चाहिए, डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सिर पर सबसे ज्यादा पसीना आता है और अगर सिर खुला रहेगा तो शरीर का पानी तेजी से कम हो सकता है, आपको हेड कैप, तौलिया या गमछा का इस्तेमाल करना चाहिए, इससे शरीर का पानी काफी हद तक सुरक्षित रहेगा।
डिहाइड्रेशन में क्या करें, क्या न करें
डॉ. अभिषेक ने कुछ सरल लेकिन बेहद जरूरी उपाय भी सुझाए
- उन्होंने कहा कि प्यास न लगने पर भी दिनभर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।
- ओआरएस घोल, नींबू पानी, छाछ और नारियल पानी का सेवन करें।
- ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना खाने से बचें।
- धूप में निकलते समय हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।
- खाली पेट ज्यादा देर तक धूप में न रहें अगर दस्त, उल्टी या कमजोरी के लक्षण बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
गर्मी में बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ख्याल
डॉ. अभिषेक ने बताया कि छोटे बच्चे और बुजुर्ग डिहाइड्रेशन के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं बच्चे अक्सर यह नहीं बता पाते कि उन्हें कब प्यास लगी है और बुजुर्गों में पानी की कमी जल्दी गंभीर हो सकती है इसलिए इन दोनों आयु वर्ग के लोगों को समय-समय पर तरल पदार्थ देते रहें।
समय रहते जागरुकता ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय है
अंत में डॉ. अभिषेक ने कहा कि डायरिया और डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियों से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना बहुत जरूरी है, जैसे ही शरीर कोई संकेत दे, उसे नजरअंदाज न करें, सही समय पर सही कदम उठाकर हम खुद को और अपने परिवार को गर्मी में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं।
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