
महिलाओं का ब्लड शुगर बढ़ने पर दिखते हैं ये लक्षण
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जो शरीर के कई अंगों के कामकाज को प्रभावित करती है जीवनशैली में बदलाव के कारण आजकल यह बीमारी तेजी से फैल रही है और हर आयु वर्ग के लोग इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं। ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, कोलेस्ट्रॉल, किडनी के वर्क सिस्टम खराबी, आंखों की रोशनी और प्रजनन क्षमता पर बड़ा असर पड़ सकता है। CDC के एक अध्ययन के अनुसार, अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में 15 मिलियन महिलाएं डायबिटीज से पीड़ित हैं इस अध्ययन में इस बात का भी खुलासा हुआ कि कई महिलाएं प्री-डायबिटिक स्टेज से भी गुजर रही हैं।
बता दें, महिलाओं का शरीर पुरुषों की तुलना में ग्लूकोज और इंसुलिन को अलग तरीके से संसाधित करता है। मासिक धर्म, गर्भावस्था और मेनोपॉज जैसे समय के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकते हैं डायबिटीज के लक्षण कई अन्य बीमारियों के समान ही होते हैं, जिससे अक्सर डायग्नोसिस में देरी जाती है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में हार्ट डिजीज होने की संभावना अन्य की तुलना में चार गुना अधिक होता है ऐसे में इस खबर के माध्यम से जानें कि महिलाओं में डायबिटीज होने के लक्षम किस प्रकार है...
असामान्य थकान: डायबिटीज का एक लक्षण लगातार थकावट महसूस करना है, भले ही हर दिन पर्याप्त आराम मिले। ब्लड शुग का बढ़ा हुआ लेवल कोशिकाओं को ग्लूकोज को कुशलतापूर्वक अवशोषित करने से रोकता है और शरीर की एनर्जी को कम करता है इससे लंबे समय तक असामान्य थकान की भावना पैदा हो सकती है।
यीस्ट इंफेक्शन: चीनी उस कवक का भोजन है जो यीस्ट इंफेक्शन उत्पन्न करता है इसलिए, लगातार बढ़े हुए ब्लड शुगर के लेवल से बार-बार यीस्ट इंफेक्शन और यूटीआई जैसी बीमारियां हो सकती हैं इसलिए यदि आपको बार-बार यीस्ट इंफेक्शन हो रहा है, तो अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच कराएं।
धुंधली दृष्टि: डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में से एक है धुंधली दृष्टि. दरअसल, शुगर के लेवल में धीरे-धीरे वृद्धि से आंख के लेंस में सूजन आ सकती है इससे दृष्टि धुंधली हो सकती है और ध्यान केंद्रित करना कठिन हो सकता है इसके साथ ही, समय के साथ दृष्टि पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
वजन घटना: अकारण वजन घटना भी डायबिटीज का एक लक्षण है जब शरीर ग्लूकोज को ईंधन के रूप में उपयोग नहीं कर पाता, तो वह फैट जलाना शुरू कर देता है इससे वजन कम हो सकता है।
बार-बार प्यास लगना: यह मधुमेह का सबसे आम लेकिन अनदेखा किया जाने वाला लक्षण है यदि शुगर का लेवल अधिक है, तो ऊतकों से अधिक तरल पदार्थ निकलता है इससे आपको अधिक प्यास लगती है।
घाव भरने में देरी: यदि छोटे घाव को भी ठीक होने में सप्ताह लगें तो यह भी डायबिटीज का संकेत है ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर सर्कुलेशन और प्रतिरक्षा प्रणाली में बाधा उत्पन्न कर सकता है इससे घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
त्वचा पर काले धब्बे: इंसुलिन प्रतिरोधी महिलाओं में त्वचा पर काले धब्बे होना आम बात है। इस स्थिति को एकेंथोसिस निग्रिकेन्स कहा जाता है यह आमतौर पर शरीर के अंगों जैसे गर्दन और बगल में पाया जाता है यदि आपको ऐसे काले धब्बे दिखाई दें तो आपको अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच करानी चाहिए।
बार-बार शौचालय जाना: बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का प्रारंभिक संकेत हो सकता है गर्भवती महिलाओं और वृद्ध महिलाओं को पेशाब करने में अधिक समय लगता है लेकिन बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होना भी डायबिटीज का एक लक्षण है।
मूड में उतार-चढ़ाव: डायबिटीज न केवल शरीर को बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि से एकाग्रता और स्मृति प्रभावित हो सकती है, जिससे लगातार चिड़चिड़ापन, चिंता और भूलने की भावना पैदा हो सकती है।
कम सेक्स इच्छा: जिन महिलाओं को मधुमेह होता है उनमें सेक्स के प्रति रुचि कम हो सकती है। डायबिटीज के कारण स्किन ड्राई हो सकती है और तंत्रिका क्षति हो सकती है संभोग के दौरान भी दर्द हो सकता है जिससे सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है।
भारी मासिक धर्म चक्र (Heavy menstrual cycles): हार्मोन में बदलाव के कारण मासिक धर्म के दौरान ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
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