यूपी देश की तरक्की के लिए बना विकास का इंजन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है अपनी विशाल जनसंख्या और आर्थिक विविधता के कारण संभावनाओं से भरपूर है राज्य में व्यापार और उद्योग क्षेत्र को और विकसित करने के लिए एक सुव्यवस्थित और दीर्घकालिक रणनीति की जरूरत है।
यूपी का आर्थिक विकास 25 लाख करोड़ तक: वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर केपी तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश लगातार पिछड़ेपन का शिकार रहा लेकिन पिछले 7 सालों को देखें तो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर किया गया है जिसके बाद निवेशक पूंजी निवेश करने के लिए तैयार हुए हैं। सरकार 2000 से ज्यादा विभिन्न सेक्टरों में नीतियों को अच्छे तरीके से लागू किया है जिसका परिणाम सामने आया है अगर पिछले 7 साल को देखा जाए तो यूपी के प्रति व्यक्ति की आय दोगुनी हो गई है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी का आकार भी दोगुना हो चुका है साल 2025 के आखिर तक उत्तर प्रदेश का आर्थिक विकास 25 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।
यूपी में रोजगार के अवसर: प्रोफेसर केपी तिवारी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 की मेजबानी के बाद, राज्य ने मात्र एक वर्ष के छोटे से अंतराल में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 14,000 से अधिक परियोजनाओं को लागू किया है और 33.50 लाख रोजगार अवसर पैदा किए हैं। उत्तर प्रदेश में इस सफलता और निवेश की गति को और प्रबल करने के लिए, राज्य सरकार 19 फरवरी से 21 फरवरी 2024 तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में ग्राउंडब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) का आयोजन किया जो आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हुआ।
कृषि विभाग में यूपी की नीतियां रहीं प्रभावी: प्रोफेसर केपी तिवारी कहते हैं कि पहले उत्तर प्रदेश में जो बैंकों में पैसा जमा हो रहा था वह 35% के करीब था लेकिन, अब ये आंकड़ा 60% हो गया जिससे संकेत मिलता है कि उत्तर प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है. कृषि विभाग में भी उत्तर प्रदेश की नीतियां प्रभावी हो रही हैं उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। जैविक खेती पर अब पूरी दुनिया की नजर है और उत्तर प्रदेश की कृषि क्षेत्र से विदेश में कई सामान भेजे जा रहे हैं जैसे आम, सब्जी, धान, गेहूं, चीनी जैसी खाद्य पदार्थ अब विदेशों में भी निर्यात किया जा रहा है आगे चलकर उत्तर प्रदेश निर्यात का हब बन जाएगा।
उत्तर प्रदेश में डी ब्यूरोक्रेसी की जरूरत: प्रोफेसर केपी तिवारी ने बताया पूंजी निवेश करने के लिए निवेश मित्र और पोर्टल काम कर रहे हैं सिंगल विंडो सिस्टम भी काफी कारगर साबित हुआ है। लगातार इस बात की कोशिश की जा रही है कि जो पूंजी निवेशकों की जरूरत है उसको भूमि, कर्ज और सब्सिडी बैंक के जरिए सुलझाया जाये। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी उत्तर प्रदेश में बड़ा सुधार हुआ है जिसकी वजह से अब उत्तर प्रदेश की आर्थिक तस्वीर बदल रही है उत्तर प्रदेश में अभी कुछ चुनौतियां हैं एक प्रकार से नौकरशाहों से जो अपेक्षा थी वह पूरी नहीं हुई है। बदलाव तो आया है, लेकिन अभी निवेश और उद्योग की प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश में डी ब्यूरोक्रेसी करने की जरूरत है यानी नौकरशाह के अमल दखल कम करने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश में विकास की जो गति बनी हुई है जरूरत है की खेती और कृषि क्षेत्र में ज्यादा तवज्जे थे, जिसमें पशुपालन मछली पालन फल की खेती फूल की खेती औषधि यह पौधों की खेती के दायरे को बढ़ाना पड़ेगा। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर सुलभ खेती कच्चे माल का बेहतर इस्तेमाल गांव के लोगों को प्रशिक्षित किया जाए ग्रामीण की महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है लेकिन जरूरत है कि महिलाओं का कौशल विकास किया जाए और उद्यमिता का भाव पैदा किया जाए सरकार अगर इस तरफ ध्यान देकर आगे बढ़ेगी तो उत्तर प्रदेश में पड़ा बदलाव होगा।
पर्यटन में भी उत्तर प्रदेश आगे: उत्तर प्रदेश में जो आर्थिक योजनाएं चल रही हैं उसको और प्रभावी बनाना होगा। उत्तर प्रदेश में ओडीओपी की योजना हो या वन जिला वन प्रोडक्ट की योजना हो उसको भी बढ़ाने की जरूरत है पर्यटन में भी उत्तर प्रदेश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है चाहे वह महाकुंभ हो या अयोध्या में राम मंदिर हो, बनारस में विश्वनाथ कॉरिडोर हो इन आयोजनों में सिर्फ देश के ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी भाग लेते हैं जिससे उत्तर प्रदेश में विदेशी मुद्रा में भी बढ़ौतरी होने के साथ संकेत हैं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की नीति है कि गरीबों को उत्तर प्रदेश से बिल्कुल खत्म किया जाए इसके लिए सभी विभागों को एक साथ मिलकर काम करना होगा, तभी काम हो सकता है ताकि गरीबों तक विकास का लाभ पहुंचे जिन समूह को शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार से वंचित रखा गया हैं उन पर सरकार को खास ध्यान देने की जरूरत है।
हर जिले में होगा मेडिकल कॉलेज: उत्तर प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश पूरे देश में मेडिकल और हेल्थ सर्विसेज देने में देश का बड़ा हब होगा। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने में उत्तर प्रदेश का खास योगदान होगा लखनऊ के लोहिया हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज और कैंसर अस्पताल को अपग्रेड करने की आवश्यकता है इससे हेल्थ पर्यटन में भी काफी फायदा मिलेगा। अलग-अलग राज्य के साथ देश से लगे हुए अन्य देश के लोग भी उत्तर प्रदेश में इलाज करने के लिए आएंगे जिससे राज्य को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है।
वित्तीय डिजिटलीकरण बड़ा है इससे सुबह की इनकम में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। कृषि को जिला कारण करने का फोकस है उत्तर प्रदेश के कार्य योजना में है की खेती के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक परियोजनाओं को शामिल किया जाए जिससे खेती के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में भी कार्य कुशलता बढ़ेगी और उत्पादक पड़ेगी उत्तर प्रदेश का जो एक रियल डॉलर का लक्ष्य है, उसको हासिल करने में बड़ी मदद मिलेगी।
व्यापारी संदीप सक्सेना ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की पिछले 7 साल की नीति बिल्कुल साफ दिख रही है कि उत्तर प्रदेश को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। भारत की अगर पांच ट्रिलियन इकोनॉमी हो तो उसमें से 20% हिस्सा यूपी का है सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है चाहे वह ऑडि ओपी की योजना हो, वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट की योजना हो, छोटे व्यापारियों के लिए सुविधा देने का काम हो, इन तमाम देशों में सरकार की नीतियों अच्छे तरीके से कम कर रही हैं और जो कि एक प्रशंसनीय कदम है।
पूरे देश स्तर पर अगर देखें तो उत्तर प्रदेश की व्यापारी कंपनियां बहुत कम टेंडर ले पाती हैं इस दिशा में सरकार को काम करना चाहिए। उत्तर प्रदेश में जो भी बड़ी योजनाएं परियोजनाएं चल रही हैं, वह टेंडर उत्तर प्रदेश के लोगों को देने में वरीयता देना चाहिए इससे राज्य की इकोनॉमी बढ़ेगी। अगर उत्तर प्रदेश के व्यापारियों को 5% भी छूट मिले तो इसमें बहुत बड़ा सरकार का फायदा होगा क्योंकि जब तक टेंडर में कंपटीशन नहीं होंगे तब तक रेट कम नहीं होगा और जब रेट कम नहीं होगा तो सरकार को फायदा नहीं होगा।
स्टार्टअप शुरू करने से पहले जान लें ये बातें: स्टार्टअप शुरू करने वाली पूजा चक्रवर्ती ने कहा कि हम दूध उद्योग का काम शुरू कर रहे हैं हमारा उद्देश्य है कि लोगों को शुद्ध दूध उसे बने हुए पकवान दें जिससे लोगों को किसी भी बीमारी का सामना न करना पड़े। सरकार ने स्टार्टअप शुरू करने वाले लोगों के लिए जो भी नीतियां बनाई है, बहुत ही पारदर्शी हैं हमने जब अपना स्टार्टअप शुरू किया था तो सारी जानकारियां सरकारी वेबसाइटों से इकट्ठा की और जरूरी मालूमात हमें वेबसाइट से पता चली की कैसे लोन लेना है। स्टार्टअप के लिए सब्सिडी कैसे हासिल करना है यह तमाम चीज हम ऑनलाइन ही दफ्तरों के चक्कर काटे बिना मिल जाती हैं और वहीं से हम आवेदन भी कर देते हैं।
महिलाओं के लिए खास छूट है महिलाएं अब स्टार्टअप में आगे आ रही है गांव की महिलाएं स्वयं सेवी समूह के माध्यम से कई स्टार्टअप शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। महिलाओं को लोन का ब्याज भी काम देना पड़ रहा है और यही वजह है कि महिलाएं अभी स्टार्टअप में बढ़ चढ़कर के हिस्सा ले रही हैं। महिलाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए सभी चीजों का समझना आसान नहीं होता है लेकिन सरकार ने महिलाओं को ध्यान में रखते हुए कई नीतियां बनाई है इसकी वजह से अब महिलाएं भी स्टार्टअप और बिजनेस में आगे आ रही है।
आधुनिक सड़कों और परिवहन नेटवर्क: उत्तर प्रदेश में सड़क, रेलवे, और हवाई यातायात को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी इससे राज्य के छोटे शहरों और गांवों को औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ा जा सकेगा।
विशेष औद्योगिक क्षेत्रों का विकास: राज्य सरकार ने एसईजेड और औद्योगिक क्लस्टर्स विकसित करने की दिशा में पहल की है। कानपुर और आगरा में लेदर क्लस्टर, और नोएडा में आईटी हब का विकास, फिल्म सिटी का निर्माण, कन्नौज का इत्र, बनारस की साड़ी, सादाबाद की पीतल के समान, अलीगढ़ का ताला, मेरठ की कैंची, लखनऊ की चिकनकारी, भदोही की कालीन, प्रयागराज का अमरूद के साथ उत्तर प्रदेश की कई अन्य प्रोडक्ट है जो राज्य को आर्थिक रूप से बड़ा लाभ दे सकते हैं प्रोफेसर केपी तिवारी कहते हैं कि सरकार को छोटे उद्योगों को सहायक सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास जरूरी हैं।
लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन: यूपी को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स हब बनाने के लिए मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट और वेयरहाउसिंग पर फोकस किया जा रहा है इसके तहत, गाजियाबाद और वाराणसी में विशेष लॉजिस्टिक्स पार्क प्रस्तावित हैं। केपी तिवारी का मानना है कि इन प्रोजेक्ट्स की टाइमलाइन सुनिश्चित करना जरूरी है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले उत्तर प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग उद्योग की अपार संभावनाएं हैं प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत नए फूड पार्क विकसित किए जा रहे हैं।
स्वच्छ ऊर्जा और हरित उद्योग: राज्य में सोलर पैनल और हरित ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है बुंदेलखंड क्षेत्र में सोलर पार्क की योजना इसका उदाहरण है इन प्रोजेक्ट्स को ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार देने की जरूरत है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उन्नयन: एमएसएमई को अत्याधुनिक मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए “एक जनपद, एक उत्पाद” (ODOP) योजना कारगर सिद्ध हो रही है।
प्रशिक्षण और कौशल केंद्र: युवाओं को उद्योगों के लिए तैयार करने के लिए राज्य में “कौशल विकास मिशन” चलाया जा रहा है।
तकनीकी शिक्षा: आईआईटी कानपुर और एएमयू जैसे संस्थानों को राज्य की जरूरतों के अनुसार टेक्नोलॉजी हब में परिवर्तित करने की योजना बनाई जानी चाहिए।
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