700 उम्मीदवार, 13000 से अधिक पोलिंग बूथ..! राजधानी में मतदान जारी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जनता आज अपनी अगली सरकार चुनने के लिए मतदान कर रही है। केंद्र शासित प्रदेश की सभी 70 सीटों पर आज एक ही चरण में मतदान हो रहा है एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 1.56 करोड़ मतदाता, तक़रीबन 700 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने वाले हैं अब दिल्ली की जनता ने किस पर अपना विश्वास जताया है ये फैसला 8 फरवरी को देश के सामने आ जाएगा दिल्ली में मतदान शाम 6 बजे तक जारी रहेगा।
इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बीते 11 वर्षों से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार चौथी बार सत्ता में आने का रिकॉर्ड बनाएगी, या फिर भाजपा उलटफेर कर देगी ? वहीं, देश पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस भी अपने खोए वोट बैंक को फिर से पाने की उम्मीद कर रही है ऐसे में ये मुकाबला त्रिकोणीय है और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर चुनाव को और भी दिलचस्प बना दिया है।
उल्लेखनीय है कि, बीजेपी 25 साल से ज्यादा समय से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, वहीं कांग्रेस, अरविन्द केजरीवाल से पहले 15 साल दिल्ली सरकार चला चुकी है किन्तु ये भी हैरानी करने वाली बात रही है कि, दिल्ली में दबदबा रखने वाली कांग्रेस, पिछले दो चुनावों में पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है इसका कारण वोटर्स का ध्रुवीकरण माना जा रहा है, जो मुस्लिम मतदाता एकतरफा कांग्रेस को वोट करते हैं, वो दिल्ली में AAP की तरफ झुक गए हैं ऐसे में ये भी देखने लायक होगा कि ओवैसी के उम्मीदवार क्या कर पाते हैं? क्या उन्हें वोट मिलते हैं, या फिर एक रणनीति के तहत मतदान होता है, जहाँ वोटों को इकठ्ठा कर एक ऐसी पार्टी के पाले में डाला जाए, जो सरकार बनाती दिख रही है।
बता दें कि, दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 13,766 पोलिंग बूथ स्थापित किए गए गए हैं और कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। मतदान शांति से हो, ये सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों की 220 कंपनियां, 35,626 दिल्ली पुलिस के जवान और 19,000 होमगार्ड तैनात किए हैं इसके अलावा लगभग 3,000 मतदान केंद्रों को संवेदनशील के रूप में चिन्हित किया गया है, जिनमे से अधिकतर मुस्लिम बहुल इलाकों में पड़ते हैं यहाँ गड़बड़ी की आशंका के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं इसके साथ ही पुलिस टीम ड्रोन से भी निगरानी रख रही है। कुल मिलाकर, जनता को मतदान के लिए एक शांतिपूर्ण और निर्भीक वातावरण देने का प्रयास किया गया है, ताकि हर कोई अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर सके किन्तु लोकतंत्र का ये उत्सव किसके लिए क्या लेकर आएगा, ये 8 फ़रवरी ने नतीजे ही स्पष्ट करेंगे।
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