
युवाओं में 90 प्रतिशत कैंसर की वजह तंबाकू से बने उत्पाद
आज विश्व तंबाकू दिवस है ऐसे में यह जरूरी है, कि तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए। विशेषज्ञ मानते हैं, कि 90 प्रतिशत लोगों में कैंसर होने की वजह तंबाकू ही है सबसे ज्यादा युवा वर्ग इसकी चपेट में आता है लखनऊ के केजीएमयू में हर साल 8 हजार से अधिक कैंसर के नए मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं यह मरीज लखनऊ और आसपास के जिलों से होते हैं विश्व तंबाकू दिवस के अवसर पर यह यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेडियोथेरेपी विभाग के प्रो. डॉ. सुधीर सिंह ने शेयर की।
डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा शुरू किया गया यह दिन तंबाकू के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके सेवन को रोकने के लिए प्रोत्साहित करता है यह तंबाकू से संबंधित बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग और फेफड़ों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है उन्होंने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 का विषय तंबाकू और निकोटीन उद्योगों द्वारा अपने असुरक्षित उत्पादों को आकर्षक बनाने के लिए नियोजित भ्रामक तकनीकों को उजागर करने और चुनौती देने पर केंद्रित है यह विशेष रूप से युवाओं को जागरूक करने के लिए रखा गया है।
90 प्रतिशत कैंसर का कारण है तंबाकू: केजीएमयू के कैंसर सर्जरी विभाग के डॉ. शिव राजन ने बताया कि तंबाकू में सात हजार हानिकारक केमिकल होते हैं इनमें से 70 से ज्यादा कैमिकल कैंसर के कारक होते हैं उन्होंने बताया कि तंबाकू का उपयोग करने वाले लोगों को फेफड़ों, मुंह, गले, आहारनाल, आमाशय, पेंक्रियाज, मूत्राशय, गुर्दे और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर हो जाते हैं फेफड़ों के कैंसर के 80-90 प्रतिशत मामले तंबाकू के सेवन से जुड़े हैं।
हर साल तंबाकू लेता है, 65 हजार बच्चों की जान: डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि पूरी दुनिया में हर साल तंबाकू की वजह से करीब 65 हजार बच्चों की जान चली जाती है यह वे बच्चे होते हैं, जो कभी भी तंबाकू का सेवन नहीं करते, बल्कि परिजनों व अन्य के तंबाकू सेवन की वजह से अप्रत्यक्ष रूप से उसकी चपेट में आ जाते हैं इस वजह से इनकी मौत हो जाती है।
तंबाकू प्रतिवर्ष ले रहा 80 लाख लोगों की जान: केजीएमयू के पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि दुनियाभर में होने वाली सभी मौतों का प्रमुख कारण तंबाकू का सेवन है उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व स्तर पर हर साल 80 लाख से अधिक लोग तंबाकू के सेवन के कारण मरते हैं इनमें से 70 लाख से अधिक मौतें सीधे तंबाकू के उपयोग यानी धूम्रपान करने वाले या धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करने वाले लोगों की होती है।
इनमें से लगभग 10 लाख मौतें सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से होती है इसे पैसिव स्मोकिंग भी जाता है इसके अलावा 30 गुना तक फेफड़े व अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ाता है इतना ही नहीं तंबाकू से दमा की बीमारी का खतरा भी तीन गुना तक बढ़ जाता है वहीं, पुरुषों में नपुंसकता के खतरे को दो गुना तक बढ़ा देता है उन्होंने कहा कि धुआं छोड़, जीवन अपनाएं, स्वस्थ शरीर और मन पाएं।एक कश धुआं, सौ कदम मौत की ओर, हर एक बुझती सिगरेट जीवन को राख बनाती है उन्होंने इसे तुरंत छोड़ने की अपील की है।
गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा: क्वीन मेरी की गाइनी आंकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. निशा सिंह ने बताया कि तंबाकू का सेवन किसी भी रूय में किया जाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होता है उन्होंने बताया कि तंबाकू का उपयोग पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। चिंताजनक बात यह है, कि पुरुषों और महिलाओं के बीच तंबाकू के उपयोग में अंतर कम होता जा रहा है, क्योंकि बहुत सी महिलाएं और लड़कियां धूम्रपान करती हैं, जिससे उन्हें गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस और प्रजनन संबंधी समस्याओं और दूसरी स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है उन्होंने बताया कि गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का प्रमुख कारण एचपीवी वायरस होता है, लेकिन तंबाकू इसके खतरे को बढ़ा सकता है।
तंबाकू सेवन को किया जा रहा ग्लैमराइज्ड: केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत बताते हैं, कि इस साल इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य उन हथकंडों का खुलासा करना है, जो तंबाकू और निकोटीन उद्योग अपने हानिकारक उत्पादों को आकर्षक बनाने के लिए उपयोग करते हैं। वर्तमान में सार्वजनिक स्वास्थ्य में सबसे बड़ी समस्या युवाओं में तंबाकू और निकोटिन उत्पादों के प्रति आकर्षण है उद्योग इन उत्पादों को आकर्षक बनाने और स्वाद, महक को बेहतर बनाने के लिए बाहरी तत्व और एडिटिव्स को मिलाते हैं, जिससे युवाओं में इसके प्रति आकर्षण बढ़ता है इसी से वे तंबाकू के आदी हो जाते हैं इसके साथ ही बाजार को भी ग्लेमराइज्ड किया गया है और सोशल, डिजिटल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है।
तंबाकू व धूम्रपान छोड़ने के फायदे: डॉ. सूर्यकांत बताते हैं, कि धूम्रपान छोड़ने के आठ घंटे बाद शरीर में मौजूद निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर आधा हो जाता है इससे रक्त में ऑक्सीजन का प्रवाह सामान्य हो जाता है। निकोटीन, धूम्रपान की लत के लिए जिम्मेदार है कम होते ही शरीर में हल्कापन महसूस होता है धूम्रपान छोड़ने के 24 घंटे बाद कार्बन मोनोऑक्साइड पूरी तरह शरीर से बाहर निकल जाता है रक्त में ऑक्सीजन का स्तर पूरी तरह से सामान्य हो जाता है हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा घटने लगता है।
धूम्रपान छोड़ने के 48 घंटे बाद निकोटीन शरीर से पूरी तरह समाप्त हो जाता है इससे भोजन का स्वाद बेहतर महसूस होता है सुधरने की शक्ति भी धीरे-धीरे तेज होती है धूम्रपान छोड़ने के एक महीने बाद चेहरे की रंगत में स्पष्ट सुधार दिखने लगता है त्वचा का भूरा, पीलापन और धूम्रपान से उत्पन्न झुर्रियां कम होने लगती है खांसी और कफ धीरे-धीरे कम होने लगता है।
धूम्रपान छोड़ने के तीन से नौ महीने बाद व्यक्ति की खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ में उल्लेखनीय सुधार होता है इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और संक्रमण से लड़ने की शक्ति बढ़ती है धूम्रपान छोड़ने के पांच साल बाद हार्ट अटैक का खतरा साथ ही स्ट्रोक का भी खतरा कम हो जाता है धूम्रपान छोड़ने के 10 वर्ष बाद फेफड़ों के कैंसर का खतरा आधा और मुंह, गला, ग्रासनली, मूत्राशय और अग्नाशय के कैंसर का जोखिम भी उल्लेखनीय रूप से घट जाता है।
तंबाकू छोड़ने पर होते हैं यह लक्षण: मनोचिकित्सक डॉ. अमित आर्या ने बताया कि तंबाकू छोड़ने पर शरीर में कई तरह के लक्षण व्यक्ति अनुभव कर सकता है इसमें चिड़चिड़ापन, चिंता, बेचैनी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और निकोटीन लेने की तीव्र लालसा शामिल हो सकती है ऐसे में सेवन करने वाले लोग तंबाकू को छोड़ नहीं पाते और इन समस्याओं का समाधान तंबाकू में ही तलाशते है इसकी वजह से अधिक और अधिक तंबाकू का सेवन करने लगते हैं यह एक प्रकार का मानसिक विकार बन जाता है ऐसे लोगों का तंबाकू छुड़ाने के लिए काउंसलिंग और दवाओं की जरूरत पड़ती है।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).