
प्रदेश में खरीफ फसलों के लिए पर्याप्त यूरिया और फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध
दया शंकर चौधरी
* सरकार किसानों को उर्वरक की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई कर रही है
* किसानों के लिए खरीफ फसलों हेतु पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध, सरकार कर रही सघन निगरानी: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही
लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि प्रदेश के किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई एवं गन्ने की टॉप-ड्रेसिंग हेतु नत्रजनिक एवं फास्फेटिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 15.96 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 5.87 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक (डीएपी/एनपीके) उर्वरक उपलब्ध हैं। शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार भारत सरकार के सतत समन्वय से विगत वर्षों की भांति इस खरीफ सीजन में भी उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे किसी एक ब्रांड को लेकर भ्रमित न हों। वर्तमान में भारत यूरिया अथवा भारत डीएपी जैसे नामों से अलग-अलग कंपनियों के उत्पाद उपलब्ध हैं, जो गुणवत्ता की दृष्टि से समान हैं। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे केवल वर्तमान में फसलों की आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरक क्रय करें और आगामी फसलों हेतु पूर्व से उर्वरकों का भंडारण न करें, जिससे सभी किसानों को समय पर खाद मिल सके।
शाही ने कहा कि उर्वरकों की कालाबाजारी, ओवर रेटिंग, टैगिंग तथा अवैध उपयोग पर सख्त निगरानी की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमावर्ती जनपदों में उर्वरकों की आपूर्ति की सघन मॉनिटरिंग कराई जा रही है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कालाबाजारी और टीजीयू (टेक्निकल ग्रेड यूरिया) के दुरुपयोग की रोकथाम हेतु लगातार छापेमारी करें। प्लाईवुड, पेंट व पोल्ट्री फीड बनाने वाली इकाइयों में अनुदानित नीम कोटेड यूरिया के दुरुपयोग की स्थिति में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
शाही ने किसानों से अपील की है कि यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा मुख्य उर्वरक के साथ अन्य उत्पादों की जबरन टैगिंग की जाती है तो किसान तत्काल जिलाधिकारी या जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराएं। किसान मुख्यालय स्थित उर्वरक नियंत्रण कक्ष (फोन नं. 0522-2209650) में भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं।
प्रदेश में मंडलवार उर्वरकों की उपलब्धता पर प्रकाश डालते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि सहारनपुर मंडल में 24,453 मीट्रिक टन यूरिया एवं 11,487 मीट्रिक टन फास्फेटिक, मेरठ में 74,744 मीट्रिक टन यूरिया एवं 24,264 मीट्रिक टन फास्फेटिक, आगरा में 97,102 मीट्रिक टन यूरिया एवं 23,896 मीट्रिक टन फास्फेटिक, अलीगढ़ में 95,189 मीट्रिक टन यूरिया एवं 28,405 मीट्रिक टन फास्फेटिक, बरेली में 1,28,030 मीट्रिक टन यूरिया एवं 48,277 मीट्रिक टन फास्फेटिक, मुरादाबाद में 94,602 मीट्रिक टन यूरिया एवं 43,886 मीट्रिक टन फास्फेटिक, कानपुर में 1,27,581 मीट्रिक टन यूरिया एवं 56,856 मीट्रिक टन फास्फेटिक, प्रयागराज में 1,26,017 मीट्रिक टन यूरिया एवं 50,708 मीट्रिक टन फास्फेटिक, झांसी में 22,884 मीट्रिक टन यूरिया एवं 22,957 मीट्रिक टन फास्फेटिक, चित्रकूटधाम (बांदा) में 23,934 मीट्रिक टन यूरिया एवं 8,863 मीट्रिक टन फास्फेटिक, वाराणसी में 93,618 मीट्रिक टन यूरिया एवं 32,843 मीट्रिक टन फास्फेटिक, मिर्जापुर में 33,299 मीट्रिक टन यूरिया एवं 19,910 मीट्रिक टन फास्फेटिक, आजमगढ़ में 78,788 मीट्रिक टन यूरिया एवं 28,546 मीट्रिक टन फास्फेटिक, गोरखपुर में 1,05,728 मीट्रिक टन यूरिया एवं 34,434 मीट्रिक टन फास्फेटिक, बस्ती में 81,647 मीट्रिक टन यूरिया एवं 16,648 मीट्रिक टन फास्फेटिक, देवीपाटन (गोंडा) में 87,113 मीट्रिक टन यूरिया एवं 24,727 मीट्रिक टन फास्फेटिक, लखनऊ में 1,75,383 मीट्रिक टन यूरिया एवं 67,398 मीट्रिक टन फास्फेटिक तथा अयोध्या में 1,26,336 मीट्रिक टन यूरिया एवं 42,175 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध हैं। प्रदेश में कुल 15,96,446 मीट्रिक टन यूरिया एवं 5,86,278 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक का भंडार उपलब्ध है, जो किसानों की वर्तमान और निकट भविष्य की जरूरतों के लिए पर्याप्त है।
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