
सबको हुनर सबको काम में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण एवं पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता
पहली बार ओरिएंटेशन वर्कशॉप कर प्रशिक्षण बैचों के संचालन में आ रही चुनौतियों का किया जा रहा है समाधान
प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार अब सभी प्रशिक्षण बैचों का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा
प्रत्येक जिले में शीर्ष 5 औद्योगिक सेक्टर्स की पहचान कर प्रशिक्षण प्रदाताओं को लक्षित टारगेट सौंपे गए
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। कौशल विकास मिशन मुख्यालय में चल रहे ओरिएंटेशन वर्कशॉप के पांचवें दिन मिशन निदेशक पुलकित खरे ने प्रशिक्षण प्रदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा अनुरूप "सबको हुनर, सबको काम" मिशन का मुख्य उद्देश्य है और इसके लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण एवं पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि मिशन द्वारा पहली बार इस प्रकार का ओरिएंटेशन वर्कशॉप आयोजित किया गया है, ताकि प्रशिक्षण बैचों के संचालन में आ रही चुनौतियों का समाधान तत्परता से किया जा सके। मिशन निदेशक ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार अब सभी प्रशिक्षण बैचों का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और गुणवत्ता में सुधार होगा तथा प्रशिक्षण प्रदाताओं की जवाबदेही भी तय होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सामाजिक समावेशन को प्राथमिकता देते हुए दिव्यांगजनों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षित लक्ष्य तथा महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत सहभागिता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही मिशन का फोकस युवाओं को स्थानीय उद्योगों में रोजगार से जोड़ने पर है। इसके लिए जिलाधिकारियों से संवाद कर प्रत्येक जिले में शीर्ष 5 औद्योगिक सेक्टर्स की पहचान की गई है और प्रशिक्षण प्रदाताओं को लक्षित टारगेट सौंपे गए हैं। कार्यशाला में मिशन निदेशक ने प्रशिक्षण प्रदाताओं के पूर्व प्रदर्शन की गहन समीक्षा पर बल दिया और बताया कि प्रशिक्षणार्थियों को दिए गए कौशल प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर और पैकेज की जांच की जा रही है। भविष्य की प्लेसमेंट रणनीतियों को और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न उद्योगों से हुए एमओयू की भी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने प्रशिक्षण प्रदाताओं को निर्देशित किया कि वे मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप निष्ठा, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करें, ताकि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध हो सके। इस अवसर पर अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह ने कहा कि प्रशिक्षणार्थियों को केवल प्रशिक्षण ही नहीं बल्कि प्रतिष्ठित उद्योगों में रोजगार भी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने बल देकर कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ना है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में एस्पिरेशनल ब्लॉक्स के युवाओं को दक्ष बनाकर उच्चतम प्लेसमेंट सुनिश्चित किया जाएगा। तकनीकी सत्र में मिशन के आईटी सहायक प्रबंधक विजय नामदेव ने प्रशिक्षण प्रदाताओं को मिशन पोर्टल की कार्यप्रणाली, मॉनिटरिंग एवं रिपोर्टिंग प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आधार-इनेबल्ड बायोमेट्रिक सिस्टम (AEBAS) के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को रेखांकित किया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। कार्यशाला के समापन पर प्रशिक्षण प्रदाताओं ने आगामी प्रशिक्षण सत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और सुनिश्चित रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अपने सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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