
मण्डल रेल प्रबन्धक गौरव अग्रवाल सहित 60 रेलकर्मियों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने का शपथ पत्र भरा
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा (25 अगस्त से 8 सितंबर) के अंतर्गत, मंडल रेलवे चिकित्सालय, बादशाहनगर, लखनऊ में आज (4 सितम्बर) मण्डल रेल प्रबन्धक गौरव अग्रवाल की अध्यक्षता और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चन्द के नेतृत्व में एक नेत्रदान जागरूकता सेमिनार आयोजित किया गया।
नेत्रदान एक पुनीत कार्य
मुख्य अतिथि गौरव अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा, नेत्रदान एक ऐसा नेक कार्य है, जो अंधेरे में जी रहे लोगों के जीवन को रोशनी प्रदान करता है। यह एक छोटा कदम लाखों आँखों को नई दृष्टि दे सकता है। उन्होंने सभी को नेत्रदान के लिए प्रेरित करते हुए जागरूकता फैलाने का आह्वाहन किया।
आधुनिक तकनीक से दृष्टि संरक्षण
मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. अरुण शर्मा, नेत्र प्रत्यारोपण विशेषज्ञ, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, ने बताया कि आधुनिक तकनीकों से एक कॉर्निया दो लोगों को दृष्टि प्रदान कर सकती है। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया | नेत्र चिकित्सक डॉ. बी.एन. चौधरी ने बताया कि भारत में नेत्रदान का प्रतिशत मात्र 0.002ः है, जिसका कारण जागरूकता की कमी और सामाजिक भ्रांतियाँ हैं। उन्होंने लोगों से इन भ्रांतियों को दूर करने और नेत्रदान को अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चन्द ने नेत्रदान को सर्वश्रेष्ठ कर्तव्य बताते हुए उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई। कार्यक्रम का संचालन सहायक मण्डल चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार सिंह ने किया। अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी.के. पाठक, डॉ. विनिता गुप्ता, वरिष्ठ मण्डल चिकित्सा अधिकारी डॉ. रंजना पाटनी, डॉ. जतिंदर कुमार और मुख्य नर्सिंग अधीक्षक श्रीमती सुशीला ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
’नेत्रदान के लाभ
जीवन में रोशनी’
नेत्रदान से अंधेपन का सामना कर रहे लोगों को दृष्टि मिलती है
सामाजिक योगदानः एक व्यक्ति का नेत्रदान दो लोगों के जीवन को बदल सकता है।
आधुनिक चिकित्सा का समर्थनः उन्नत तकनीकों से कॉर्निया प्रत्यारोपण की सफलता दर बढ़ी है।
पुण्य कार्यः नेत्रदान मृत्यु के बाद भी दूसरों के लिए जीवनदायी सिद्ध होता है। आइए, नेत्रदान का संकल्प लें और समाज में जागरूकता फैलाएँ।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).