
मनरेगा योजनांतर्गत मानव दिवस सृजन में देश में अव्वल है उत्तर प्रदेश
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा निर्देशन और नेतृत्व में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा नये आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भी उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य किए गए हैं। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रोजगार सृजन हेतु वार्षिक भौतिक लक्ष्य 2000 लाख मानव दिवस के सापेक्ष अब तक 1768.81 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। मानव दिवस सृजन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है ।वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक प्रदेश ने रु. 6598.89 करोड़ की धनराशि व्यय की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक प्रदेश ने 47.76 लाख परिवारों को रोजगार दिया गया है ।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह मनरेगा अभिसरण(कन्वर्जेंस) के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों के लिए लाइन विभागों की प्रभावी सहभागिता व फील्ड स्तर पर अभिसरण की आवश्यकता के दृष्टिगत ठोस कदम उठाए जाएं और मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत प्रगति बढ़ाई जाए। उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि संबंधित विभाग पूरी तत्परता और गंभीरता के साथ मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत कराए जाने वाले कार्यों को समय से पूरा करके हुए शत् -प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें।
उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा के तहत जिन श्रमिकों ने 90 दिन मनरेगा में कार्य किया है, उन्हें बीओसीडब्ल्यू बोर्ड (श्रम विभाग) में पंजीकरण कराते हुए श्रम विभाग की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कराया जाए।
मनरेगा की राज्य स्तर पर जनपदों के साथ बुधवार को आयोजित हुई समीक्षा बैठक में भी आयुक्त, ग्राम्य विकास जी0एस0 प्रियदर्शी द्वारा मानव दिवस सृजन पर विशेष फोकस करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य पलायन रोकना है और यह तभी संभव हो पाएगा, जब श्रमिकों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने जनपदों के सम्बन्धित अधिकारियो से स्पष्ट रूप से कहा कि मानव दिवस सृजन में गिरावट कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।





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