
नये बिजली व बीज विधेयक की प्रतियां जलाकर केकेयू ने जताया विरोध
- नया बिजली कानून आम उपभोक्ताओं को अंधेरे में धकेल देगा
संतोष कुमार सिंह
लखनऊ। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर नये बिजली और बीज विधेयक की देश भर में प्रतियां जलाकर किसानों ने विरोध जताया। चिनहट देवा रोड स्थित शिवपुरी पावर हाउस में क्रांतिकारी किसान यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों विधेयकों के मसौदे की प्रतियां जलाकर का विरोध जताया गया। इस मौके पर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनयन यादव ने कहा कि केंद्र सरकार जो नया बिजली बिल लेकर आई है, उसमें बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को सरकारी क्षेत्र से समाप्त कर निजी कम्पनियों को सौंपने का प्रावधान है। इस काले कानून के लागू होने पर अब बिजली आपूर्ति कम्पनियों के मुनाफे की गारंटी करने के सिद्धान्त पर की जाएगी। बिजली बिल के माध्यम से केंद्र सरकार पूरे बिजली क्षेत्र को निजी कंपनियों के हवाले कर कॉरपोरेट्स की अंधी लूट का रास्ता साफ कर रही है। जो सरकार किसानों को न्यूनतम, मुनाफा जनक फसल मूल्य निर्धारित नहीं कर रही, जो मजदूरों को जीने वाली न्यूनतम मजदूरी की गारंटी नहीं कर रही, वो कम्पनियों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए गरीब मेहनतकश जनता से बिजली की मंहगी वसूली करने का कानून लेकर आयी है उन्होंने विधेयक 2025 को वापस लेने, स्मार्ट मीटरों की स्थापना रोकने, कृषि ट्यूबवेलों के लिए मुफ्त बिजली देने और सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने को लेकर आम उपभोक्ताओं से सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने की अपील की। जिलाध्यक्ष एकादशी यादव ने कहा कि नया बीज कानून लागू हुआ तो कोई भी छोटा या मध्यम व्यापारी या दुकानदार बिना रजिस्ट्रेशन के बीज नहीं बेच सकेगा। केवल बड़ी कंपनियों को ही केंद्र और राज्य सरकारों से बीज बेचने का लाइसेंस मिलेगा, जो सारे बीज बाजार पर काबिज हो जाएंगी।
यह विधेयक बीजों और रोपण सामग्री के मुक्त आयात की अनुमति देता है, वह भी बिना पंजीकरण के, तथा इसमें देश की खाद्य सुरक्षा की आवश्यकताओं और संवहनीय खेती की आर्थिक व्यवहार्यता तथा किसानों की वित्तीय स्थिरता के अनुसार गुणवत्तापूर्ण सस्ते बीजों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने का कोई उल्लेख नहीं है।
विरोध-प्रदर्शन में इनके अलावा लखनऊ मंडल प्रभारी दिनेश कुमार, जिला उपाध्यक्ष विशंभर दयाल, महिला जिलाध्यक्ष सीमा यादव, जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद हफ़ीज मुख्य रूप से उपस्थित रहे।





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