
संघ शाखा में मनाया गया शताब्दी वर्ष पर विजयादशमी उत्सव
राष्ट्र हित और अनुशासन पर जोर
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अवध प्रांत के धर्म जागरण प्रमुख आनंद मूर्ति ने कहा कि संघ का बीजारोपण सौ साल पहले विजय दशमी के दिन हुआ था, और इस वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। आनंद मूर्ति ने जोर देकर कहा कि किसी भी संगठन के लिए अनुशासन सर्वाेपरि है, अन्यथा वह केवल भीड़ बनकर रह जाता है। रविवार को वह लखनऊ पूरब भाग के जगरनाथ नगर ठाकुरद्वारा बस्ती की ओर से मानस शाखा परं आयोजित विजय दशमी उत्सव में बोल रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संघ का मूल उद्देश्य राष्ट्र हित के लिए समर्पित व्यक्तियों का निर्माण करना है। उन्होंने इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि गांधी जी की हत्या के बाद संघ पर प्रतिबंध लगाया गया था और स्वयंसेवकों को काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी, लेकिन संघ ने धैर्य और अनुशासन के साथ अपने कार्य को आगे बढ़ाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ प्रतिक्रियावादी संगठन नहीं है, बल्कि यह वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ मानवता के कल्याण और राष्ट्र की रक्षा के लिए कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की जरूरत नहीं, यह पहले से ही हिंदू राष्ट्र है। हमारा संकल्प सम्पूर्ण हिंदू समाज को संगठित और अनुशासित करना है।” आनंद मूर्ति ने संगठन की मजबूती को व्यक्ति की इम्यून क्षमता से जोड़ा और कहा कि राष्ट्र के प्रति समर्पित युवाओं की संख्या बढ़ाना संघ का लक्ष्य है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उपभोक्ता फोरम के न्यायमूर्ति अमरजीत त्रिपाठी ने की। इस अवसर पर जिन्होंने कहा कि संघ ने सौ वर्षों में राष्ट्र हित के लिए अनवरत कार्य किया है। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे राम ने प्रेम और राष्ट्र हित के लिए अयोध्या से लंका तक पैदल यात्रा की, वैसे ही संघ मानवता के कल्याण के लिए कार्यरत है।
कार्यक्रम में नगर संघचालक राम चंद्र सिंह, नगर कार्यवाह हेम प्रकाश, संजीव, मोहन श्रीवास्तव, चंद्र मोहन चतुर्वेदी, शिव नारायण, अशोक श्रीवास्तव, प्रगति, उमेश राय, ओम प्रकाश पांडेय, प्रणीण कुमार शुक्ला, इन्द्रमणि पाण्डेय, अनूप सिंह, संतोष कुमार सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).