
लखनऊ में आयेजित दो दिवसीय सीएसआईआर स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 हुआ सम्पन्न
* 200 किसानों और 50 स्टार्ट-अप्स द्वारा कॉन्क्लेव में की गयी भागीदारी, नवाचारों का किया गया प्रदर्शन
* समापन समारोह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया सम्बोधित
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में लाल किले की प्राचीर से स्टार्ट-अप इंडिया का आह्वान किया गया था। अब तक देश में कुल 2 लाख से ज्यादा स्टार्ट-अप खुल चुके हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत स्टार्ट-अप महिलाओं के द्वारा चलाए जा रहे हैं : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ/नई दिल्ली। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की लखनऊ स्थित चार प्रमुख प्रयोगशालाओं सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई), सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), सीएसआईआर-भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) और सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सुगंध पादप संस्थान (सीमैप) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सीएसआईआर स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया सम्बोधित किया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में लाल किले की प्राचीर से स्टार्ट-अप इंडिया का आह्वान किया था। तब से अब तक देश में कुल 2 लाख से ज्यादा स्टार्ट-अप खुल चुके हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत स्टार्ट-अप महिलाओं के द्वारा चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 50 प्रतिशत स्टार्ट-अप टियर-2 और टियर-3 शहरों से निकल रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिये सरकार की कोशिश रही है कि स्थानीय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम किए जाएँ। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप खोलने के लिए वी.आई.पी. होने की ज़रूरत नहीं, सिर्फ हुनर होना चाहिए, बाकी सारी सुविधाएँ सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लखनऊ केवल इमामबाड़ा और भूलभुलैया नहीं बल्कि आधुनिक भारत की भी पहचान है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिकों की उपलब्धियां राष्ट्रीय स्तर की हैं, लेकिन वे अभी तक ठीक से उजागर नहीं हुईं हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में पहली बार 108 पत्तियों वाले कमल का आविष्कार, जीन-मॉडिफाइड कपास के क्षेत्र में प्रगति, 13 से अधिक कैंसर की दवाइयों का आविष्कार और फैटी लीवर से मुक्ति पाने वाली औषधि का निर्माण ये सारी उपलब्धियां उत्तर प्रदेश के नाम हैं। केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का पहला क्वांटम सेंटर उत्तर प्रदेश के नोएडा में है, देश का पहला सोलर सेल भी उत्तर प्रदेश में बना और दुनिया भर में खाई जाने वाली मिंट की गोली का आविष्कार भी उत्तर प्रदेश में हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से बातचीत चल रही है, शीघ्र ही प्रदेश में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्रियल पार्क और साइंस म्यूज़ियम की स्थापना की जाएगी। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया के सूत्रधार ही प्रधानमंत्री के 2047 के विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि देश में स्टार्ट-अप इंडिया के तहत जो भी नया प्रयोग होगा, उसे तुरंत इंडस्ट्री से लिंक किया जाएगा ताकि नागरिकों को इसका सीधा लाभ मिल सके। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कॉन्क्लेव करने के पीछे का उद्देश्य देश के आखिरी लाभार्थी तक पहुँचना है। कॉन्क्लेव की उपलब्धियों और मुख्य आकर्षणों में उद्योग जगत के साझेदारों के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों पर हस्ताक्षर, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित नवीन उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का शुभारंभ, तथा उद्योग, शिक्षा जगत और स्टार्ट-अप्स के साथ एमओयू (MoU) का आदान-प्रदान शामिल रहा। इसके साथ ही कृषि-पोषक जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में किए गए नवाचारों का प्रदर्शन भी किया गया। इस आयोजन में 200 से अधिक किसानों और लाभार्थियों के साथ-साथ 50 से अधिक स्टार्ट-अप्स और उद्यमियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। इस कॉन्क्लेव ने न केवल वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों, उद्योग जगत और उद्यमियों को साझा मंच पर जोड़ा, बल्कि भारत सरकार की प्रमुख पहलों — स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत — को भी नई मजबूती प्रदान की। आयोजन के समापन पर लखनऊ स्थित चारों सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के निदेशकों ने इसे भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उनका कहना था कि इस पहल ने अनुसंधान को उद्योग और समाज से जोड़ने के साथ-साथ युवाओं और उद्यमियों के लिए नए अवसर भी खोले हैं
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण
सीएसआईआर-एनबीआरआई ने ‘कमल नमो-108 की एग्रो टेक्नोलॉजी’ की तकनीक मेसर्स मन्दाकिनी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि., लखनऊ को हस्तांतरित की। सीएसआईआर-सीडीआरआई ने सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (Benign Prostatic Hyperplasia) के उपचार हेतु उत्पाद विकसित करने की तकनीक डिस्कवरी साइंस ग्रुप, हिमालया वेलनेस कंपनी, बेंगलुरु को हस्तांतरित की। सीएसआईआर-आईआईटीआर ने पोर्टेबल वाटर एनालिसिस किट की तकनीक डब्ल्यूएस टेलिमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित की। सीएसआईआर-एनबीआरआई ने ‘सूक्ष्मजीवी बायोफर्टिलाइज़र’ की तकनीक मेसर्स एल्मेन्ट्टा बायोटेक प्रा. लि., आनंद को हस्तांतरित की। सीएसआईआर-एनबीआरआई ने ‘ग्रीन पटाखा’ की तकनीक मेसर्स श्री गणेशा फायरवर्क्स प्रा. लि., रायपुर को हस्तांतरित की। सीएसआईआर-एनबीआरआई ने इत्र श्रृंखला रुद्र एवं कुंभ तथा एयर-फ्रेशनर फ्रोटस फ्रेश की तकनीक मेसर्स श्री गणेशा ग्लोबल गुलाल प्रा. लि., रायपुर को हस्तांतरित की।
उत्पाद लॉन्चिंग
सीएसआईआर-एनबीआरआई एवं मेसर्स श्री गणेशा ग्लोबल गुलाल प्रा. लि., रायपुर ने संयुक्त रूप से हर्बल लिक्विड सिंदूर का उत्पाद लॉन्च किया। सीएसआईआर-एनबीआरआई एवं मेसर्स अश्विनी होमियो एंड आयुर्वेदिक प्रा. लि., हैदराबाद ने संयुक्त रूप से हर्बल नैनोसीरम का उत्पाद लॉन्च किया। सीएसआईआर-एनबीआरआई एवं मेसर्स अश्विनी होमियो एंड आयुर्वेदिक प्रा. लि., हैदराबाद ने संयुक्त रूप से सूक्ष्मजीवी इनोकुलेंट का उत्पाद लॉन्च किया। सीएसआईआर-एनबीआरआई एवं मेसर्स इम्पीरियल लाइफ साइंसेज़ प्रा. लि., गुरुग्राम ने संयुक्त रूप से 120K SNP चिप्स (तकनीक/नॉ-हाउ, सीएसआईआर-एनबीआरआई) का उत्पाद लॉन्च किया।सीएसआईआर-एनबीआरआई एवं मेसर्स अल्फा स्विचगियर प्रा. लि., इरोड ने संयुक्त रूप से पिंक गोल्ड टी का उत्पाद लॉन्च किया।
पौध प्रजाति एवं वेब सर्वर विमोचन
सीएसआईआर-सीमैप ने कालमेघ की प्रजाति विकसित कर विमोचित की। सीएसआईआर-सीमैप ने पचौली की प्रजाति विकसित कर विमोचित की। सीएसआईआर-सीमैप ने सीआरआईएसपीआर-कैस के लिए ऑनलाइन वेब सर्वर सह डाटा बेस जारी किया।
एमओए एवं एमओयू का आदान-प्रदान
सीएसआईआर-आईआईटीआर ने मेसर्स सेलुरे बायोसाइंसेज़ प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओए का आदान-प्रदान किया, जिसका उद्देश्य त्वचा पर स्थानीयकृत और नियंत्रित रूप से बायोलॉजिक्स एवं पुनर्योजी यौगिकों की आपूर्ति प्रणाली को आगे बढ़ाना है, जो त्वचा रोग विज्ञान और एंटी-एजिंग देखभाल में नई आशा प्रदान करेगा। सीएसआईआर-आईआईटीआर ने मेसर्स ह्यूमेनी इको इनोवेशंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओए का आदान-प्रदान किया, जो पौध-आधारित, रसायन-मुक्त पर्सनल केयर और होम वेलनेस उत्पादों के निर्माण की दिशा में कार्य करेगा, जो सुरक्षित, पारदर्शी और सतत हों। सीएसआईआर-आईआईटीआर ने मेसर्स गेवनाम जीनोमिक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओए का आदान-प्रदान किया, जिसका उद्देश्य बायोइन्फॉर्मेटिक्स टूल्स का उपयोग कर नैदानिक डायग्नोस्टिक प्लेटफ़ॉर्म विकसित करना है, जो जीनोमिक और प्रोटियोमिक आधारित अनुप्रयोगों में कैंसर, न्यूरोलॉजिकल विकारों और एक्वा-इन्फॉर्मेटिक्स में अनुसंधान को सहायक होगा। सीएसआईआर-सीडीआरआई ने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ के साथ एमओयू का आदान-प्रदान किया, ताकि स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स, फार्मास्यूटिकल छात्रों और शोधकर्ताओं को पारस्परिक रुचि के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास करने में सहायता मिल सके। सीएसआईआर-सीडीआरआई ने आइजेनग्राम (इनहबपेज प्राइवेट लिमिटेड), नई दिल्ली के साथ एमओयू का आदान-प्रदान किया, जिसका उद्देश्य बहु-ओमिक्स, प्रेडिक्टिव मॉडलिंग और कंप्यूटेशनल सिमुलेशन को एकीकृत कर किफायती स्वास्थ्य सेवाओं का विकास करना है।
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