
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या का खुला राज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 33 दिन पहले हुए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। यूपी पुलिस ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या के सिलसिले में मंदिर के पुजारी समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस हत्या को अंजाम देने वाले दो शूटर अब भी फरार हैं और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं। महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की 8 मार्च को सीतापुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेमपुर ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। सीतापुर के पुलिस अधीक्षक (SP) चक्रेश मिश्रा ने इस अपराध की जांच के लिए तीन टीम गठित की थीं जिन्होंने पिछले 34 दिनों में 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की और करीब 250 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला और फिर ये गिरफ्तारियां हुईं।
पुजारी शिवानंद बाबा भी था अपराध में शामिल
एसपी ने बताया कि जांच में पता चला कि कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर भी इस घटना में शामिल था। सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच में पता चला कि घटना के समय राघवेंद्र के घर के समीप मंदिर के आसपास दो लोग संदिग्ध रूप से घूम रहे थे। इसके बाद शिवानंद बाबा, उसके करीबी सहयोगी निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि इन लोगों से पूछताछ में पता चला कि पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी ने कथित तौर पर शिवानंद बाबा को मंदिर के अंदर आपत्तिजनक स्थिति में देखा था, जिससे पुजारी की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंच सकता था।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शिवानंद ने अपने करीबी दोस्त निर्मल सिंह को इस बारे में बताया, जिसने असलम गाजी की मदद से राघवेंद्र की हत्या की साजिश रची। फिर इस अपराध को अंजाम देने के लिए दो शूटर की मदद ली गयी। अपराध शाखा की तीन टीम और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की सात टीम शूटर को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। सीतापुर पुलिस ने दोनों फरार शूटर की गिरफ्तारी के सिलसिले में सूचना देने वाले को 25-25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
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