
गर्मियों में सत्तू के सेवन से शरीर को मिलती है ठंडक
आयुर्वेद में सत्तू को पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है, यह प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम का एक शक्तिशाली कॉम्बिनेशन है यह आसानी से पचने वाला और ऊर्जा से भरपूर भोजन है। गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा और पोषण देने में यह बहुत फायदेमंद है आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में भी गर्मी के मौसम में इसका सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है सत्तू में कई औषधीय गुण भी होते हैं जो कई तरह की शारीरिक समस्याओं में राहत दिला सकते हैं ऐसे में सत्तू को सुपर फूड कहना गलत नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, नियंत्रित मात्रा में सत्तू का नियमित सेवन मानसिक तनाव से भी राहत दिला सकता है।
इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड योग में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदय जैसे आयुर्वेदिक ग्रंथों में सत्तू के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है इन ग्रंथों में अनाज, औषधीय पौधों और फलों से बने सत्तू के विभिन्न प्रकारों की पहचान की गई है, जिनमें से प्रत्येक का अलग-अलग औषधीय उपयोग है गौरतलब है कि सत्तू एक प्रकार का भारतीय खाद्य पदार्थ है जो खास तौर पर चने, गेहूं, बाजरा या जौ के भुने हुए आटे से बनाया जाता है।
मध्य प्रदेश के इंदौर की नैचुरोपैथ और डाइटीशियन डॉ. आरती परमार कहती हैं कि चूंकि सत्तू कई तरह के अनाजों से बनता है, इसलिए इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, फोलिक एसिड और फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे मिनरल्स होते हैं। डाइटीशियन डॉ. आरती परमार के अनुसार जानिए गर्मियों में सत्तू का सेवन करने से शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते हैं...
डाइटीशियन डॉ. आरती परमार का कहना है कि चूंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसे पाचन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है और चूंकि इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, इसलिए भूख कम लगती है, जिससे वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है इसका सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है इसके अलावा इसमें कई तरह के विटामिन भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं इसके सेवन से शरीर में एनर्जी लेवल बनी रहती है, थकान कम होती है, एसिडिटी से राहत मिलती है और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं कम होती हैं।
गर्मी के महीनों में सत्तू का सेवन देता है यह लाभ
यह नेचुरल तरीके से शरीर को ठंडा रखता है: गर्मी के दिनों में सत्तू के सेवन से शरीर को नेचुरल तरीके से ठडा रखने में मदद मिलता है जो इसे चिलचिलाती गर्मी के दिनों के लिए आदर्श आहार बनाता है। सत्तू का सेवन पानी या छाछ के साथ मिलाकर पीने से शरीर के तापमान को कंट्रोल करने और हीट स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है।
डिहाइड्रेशन से बचाता है: इलेक्ट्रोलाइट्स और पोषक तत्वों से भरपूर, सत्तू का एक गिलास पीने से शरीर में तरल पदार्थ बरकरार रखने में मदद मिलती है, जिससे आप लंबे समय तक हाइड्रेटेड रहते हैं, खासकर धूप में लंबे समय तक रहने के दौरान।
तुरंत एनर्जी बढ़ाने वाला है फूड आइटम: सत्तू में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होता है, जो रेगुलर एनर्जी देता है यह गर्मी में शारीरिक रूप से कठिन काम करने वाले लोगों के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है यह हल्का और पचने में आसान होता है इसके लघु (हल्के) और रुक्ष (सूखे) गुण इसे पेट के लिए आसान बनाते हैं यह पेट फूलने का कारण नहीं बनता है और गर्मियों में कमजोर पाचन वाले लोगों के लिए जेंटल है।
यह पोषक तत्वों से भरपूर है: भुनी हुई दालों या अनाज से बने सत्तू में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी मिनरल्स होते हैं, जो गर्मी से होने वाली थकान, मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी से निपटने में मदद करते हैं।
यह भूख की पीड़ा को कम करता है: सत्तू का एक गिलास आपको लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे गर्मी के मौसम में जब भूख कम होती है, लेकिन एनर्जी की जरूरत बनी रहती है, तो अनावश्यक स्नैकिंग कम होती है।
यह इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है: नमक, चीनी और नींबू के साथ मिलाए जाने पर, सत्तू एक प्राकृतिक ओआरएस की तरह काम करता है, खोए हुए लवणों की भरपाई करता है और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है।
- सत्तू का उपयोग खाने या पीने में कई तरह से किया जा सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं...
- सत्तू को ठंडे दूध/दही या छाछ के साथ लिया जा सकता है इसे बाजार में उपलब्ध प्रोटीन शेक का सबसे अच्छा देसी विकल्प माना जा सकता है।
- सत्तू के आटे से को पानी और दही के साथ मिलाकर रोटी बनाई जा सकती है वहीं, सत्तू को आलू के साथ मिलाकलर परांठे भी बनाए जाते हैं।
- सत्तू, गुड़ और देसी घी के लड्डू बनाकर खा भी सकते हैं।
- सत्तू को पानी में मिलाकर उसका शरबत बनाकर पीना भी बहुत फायदेमंद होता है।
सावधानियां: सत्तू का सेवन रात में, भोजन के बाद या अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, और इसे हमेशा घी और पानी के साथ मिलाकर पीना चाहिए ताकि इसकी ड्राई नेचर को संतुलित किया जा सके और पाचन सुचारू हो सके।
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