
कैबिनेट का निर्णय: स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग अब सेवारत विभाग में शामिल
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद बैठक में प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को उत्तर प्रदेश सरकार के सेवारत विभाग में सम्मिलित कर दिया गया है। स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने बताया कि स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग प्रदेश का एक अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग है, जो हर वर्ष लगभग 40 लाख विलेखों का पंजीकरण करता है और जिसके माध्यम से दो करोड़ से अधिक लोग प्रत्यक्ष रूप से सेवाएँ प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि यह विभाग न केवल राज्य सरकार को विशाल राजस्व प्रदान करता है बल्कि शासन की सामान्य कार्यप्रणाली का अभिन्न हिस्सा भी है। विभाग किसी प्रकार की वाणिज्यिक गतिविधि नहीं करता, बल्कि सरकार का संवैधानिक दायित्व निभाता है। इसे सेवारत विभाग का दर्जा मिलने से विभागीय कार्यालयों हेतु सरकार की अन्य सेवा विभागों की भांति निःशुल्क भूमि उपलब्ध हो सकेगी। इससे निजी भवनों के किराये पर होने वाले व्यय में कमी आएगी और जनता को पंजीकरण सेवाएँ और अधिक सुलभ वातावरण में मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से विभाग की कार्यकुशलता बढ़ेगी, जनसामान्य को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी तथा शासन की प्रणाली और मजबूत होगी।
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