नाका हिंडोला में श्रद्धा के साथ मनाया गया आषाढ़ माह संक्राति पर्व
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। श्री गुरू सिंह सभा, ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिंडोला लखनऊ में कल 14 जून को असाढ़ माह संक्रांति पर्व बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शाम का विशेष दीवान श्री रहिरास साहिब के पाठ से आरंभ हुआ। उसके उपरांत हजूरी रागी भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुर वाणी में शबद कीर्तन "आषाढ़ तपंदा तिसु लगै हरि नाहु न जिंना पास।।" एवं नाम सिमरन द्वारा समूह संगत को निहाल किया।
मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने आषाढ़ माह पर व्याख्या करते हुए बताया कि आषाढ़ का महीना तपश से भरा हुआ होता है। इस माह में श्री गुरु अरजन देव जी उपदेश द्वारा क्रोध की अग्नि नाम जपने व ध्यान करने से शान्त हो सकती है। प्रभु भक्ति एवं वाहिगुरु के नाम की ठंडक की वजह से ही श्री गुरु अरजन देव जी गरम तवी पर बैठकर भी मुस्कराते रहे और कहा कि हमारा हृदय नाम जपने से शान्त और ठंडक भरा है। हमें इसकी गरमी महसूस नहीं होती। गुरमति संगीत अकेडमी के बच्चों ने "ऐसे गुरु कउ बलि बलि जाईयै आप मुकतु मोहि तारे" शब्द कीर्तन गायन कर उपस्थित संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया।
श्री गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी एवं लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा ने संगत को आषाढ़ माह संक्राति पर्व की बधाई दी। समाप्ति के बाद दशमेश सेवा सोसायटी के सदस्यों द्वारा गुरु का लंगर वितरित किया गया।
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