
नोएडा के बाद लखनऊ-कानपुर बनेगा ‘इमर्जिंग टेक्नोलॉजी हब’
लखनऊ। एआई, सॉफ्टवेयर और आईटी सॉल्यूशंस के क्षेत्र में भी यूपी तेजी से छलांग रहा है। नोएडा के बाद लखनऊ-कानपुर देश का ‘इमर्जिंग टेक्नोलॉजी हब’ बन रहा है। आईटी-आईटीईएस क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 3.2 फीसदी रहा है, जिसे आने वाले वर्षों में यह 5 फीसदी से अधिक होने का अनुमान है।
यह रिपोर्ट बहुराष्ट्रीय पेशेवर सेवा नेटवर्क डिलॉयट की है। दुनिया भर के कई देशों में मौजूद इसके दफ्तरों में एक लखनऊ में भी है। पेश की गई रिपोर्ट में आईटी-आईटीईएस सेक्टर में प्रदेश के उल्लेखनीय योगदान का जिक्र है। यह संभव हो रहा है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से आईटी क्षेत्र में 5600 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरने से। रिपोर्ट के अनुसार आईटी-आईटीईएस क्षेत्र वर्तमान में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 3.2 फीसदी का योगदान देता है, और अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यह 5 फीसदी से अधिक की वृद्धि करेगा। राज्य के निर्यात को बढ़ाने में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण रही जो कुल मिलाकर आईटी निर्यात 75 हजार करोड़ से अधिक रहा है।
आंकड़ों के अनुसार अकेले वित्त वर्ष 2023-24 में, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के माध्यम से निर्यात ने 43 हजार करोड़ से अधिक का योगदान दिया, जो हाल के वर्षों में 16 फीसदी की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। यूपी को उसके पोटेंशियल के हिसाब से विकसित करने के योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्ष 2017 से बीते 8 साल में आईटी-आईटीईएस सेक्टर के क्षेत्र में प्रदेश ने बड़ी तरक्की की है। प्रदेश का नोएडा न केवल देश के बड़े आईटी हब के रूप में स्थापित है बल्कि लखनऊ-कानपुर जैसे शहर भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आईटी-आईटीईएस के क्षेत्र में कुल 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें से 5600 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा चुका है, जबकि अन्य परियोजनाओं पर भी कार्य तेजी से जारी है।
नीतिगत निर्णयों से बदल रही यूपी की तस्वीर
राज्य में आईटी-आईटीईएस के क्षेत्र के विकास की गति को और तेज करने के लिए योगी सरकार ने कई नीतिगत उपाय किए हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। आईटी सेक्टर को ''उद्योग का दर्जा'' दिया गया है, जिससे आईटी इकाइयों को कम बिजली दरों और औद्योगिक भूमि बैंकों तक पहुंच का लाभ मिल रहा है। इतना ही नहीं, राज्य एक जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम है। जहां 14 हजार से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप शामिल हैं।
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