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स्कूली स्तर से ही साइबर सुरक्षा शिक्षा शुरू करने की है आवश्यकता: अमिताभ यश
- साइबर अपराधों की बदलती प्रकृति के मद्ेजनर डिजिटल डेटा की सुरक्षा महत्वपूर्ण
- एमिटी विवि. में ’’इंपावरिंग सिविलियन्स अगेन्सट डिजिटल अरेस्ट: प्रोटेक्टिंग डिजिटल राइटस् एन्ड फ्रीडम’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
लखनऊ। वर्तमान समय में साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र, एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फाउंडेशन की ओर से चिनहट मल्हौर रोड स्थित एमिटी विवि. कैम्पस में ’’इंपावरिंग सिविलियन्स अगेन्सट डिजिटल अरेस्टरू प्रोटेक्टिंग डिजिटल राइटस् एन्ड फ्रीडम’’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और शिक्षाविदों ने भाग लिया और डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा, साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने तथा नागरिकों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
कार्यक्रम में डॉ. जीके गोस्वामी (आईपीएस), एडीजी पुलिस एवं संस्थापक निदेशक, यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, अमिताभ यश (आईपीएस), एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एवं विशेष कार्य बल, बिनोद कुमार सिंह (आईपीएस), एडीजी पुलिस साइबर क्राइम व कर्नल अरविंद कुमार सिंह, निदेशक (एनसीटीसी) गृह मंत्रालय, भारत सरकार जैसे प्रमुख अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा विश्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) अनिल वशिष्ठ, डिप्टी प्रो. वीसी विंग कमांडर डा. अनिल कुमार तिवारी, डीन अकादमिक डा. राजेश तिवारी सहित एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फाउंडेशन की निदेशक डॉ. शालिनी सिंह विसेन भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं।
संगोष्ठी को वर्चुअली संबोधित करते हुए एमिटी ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के चौहान ने कहा कि जागरूकता साइबर अपराध के खिलाफ सबसे प्रभावी बचाव है। एमिटी साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं एमिटी विवि. छत्तीसगढ़ के कुलपति डॉ. डब्ल्यू. सेल्वमूर्ति ने कहा कि डिजिटल संरक्षा अब केवल व्यवसायों और वित्तीय संस्थानों तक सीमित नहीं है, बल्कि सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए भी अत्यंत आवश्यक हो गई है। कुलपति प्रो. (डॉ.) बलविंदर शुक्ला ने साइबर सुरक्षा, साइबर फोरेंसिक और डिजिटल कानून सहित उभरती प्रौद्योगिकियों में शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल दिया।
आईपीएस डॉ. जीके गोस्वामी ने साइबर अपराधों की बदलती प्रकृति और डिजिटल डेटा की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आईटी एक्ट 2000 और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 नागरिकों के डिजिटल डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कानून हैं। आईपीएस अमिताभ यश ने डिजिटल गिरफ्त के बढ़ते खतरे को रेखांकित किया और कहा कि साइबर अपराधियों के लिए इंटरनेट एक आसान माध्यम बन गया है। उन्होंने स्कूली स्तर से ही साइबर सुरक्षा शिक्षा शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि भविष्य की पीढ़ियों को इन खतरों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। कार्यक्रम को आईपीएस बिनोद कुमार सिंह, कर्नल अरविंद कुमार सिंह, डॉ. शालिनी सिंह विसेन, कार्तिकेय श्रीवास्तव, सैफ अब्बास काज़मी, आकाश प्रसाद आदि लोगों ने सम्बोधित किया।
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