
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मेरठ जिले में एक खुले गड्ढे में गिरने से तीन बच्चों की कथित मौत का स्वतः संज्ञान लिया है।
* आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
* इस रिपोर्ट में जाँच की स्थिति और पीड़ितों के परिजनों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) का विवरण शामिल होने की उम्मीद है।
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि 3 अगस्त, 2025 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक नवविकसित कॉलोनी में एक भवन निर्माण के दौरान एक बिल्डर द्वारा छोड़े गए छह फुट गहरे गड्ढे में डूबने से 8-9 साल के तीन बच्चों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वे चॉकलेट खरीदकर एक दुकान से लौटते समय गड्ढे में गिर गए थे।
आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह पीड़ित बच्चों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। इसलिए, आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसमें मामले की जाँच की स्थिति और पीड़ितों के परिजनों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) का विवरण शामिल होना अपेक्षित है।
5 अगस्त, 2025 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिल्डर ने लगभग 40 दिन पहले कॉलोनी में छह फुट गहरा गड्ढा खोदकर उसे खुला छोड़ दिया था। गड्ढे में बारिश का पानी भरा हुआ था।
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