मिडिल क्लास को राहत, 12 लाख तक इनकम पर कोई टैक्स नहीं
लखनऊ। न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रु तक की सालाना इनकम वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे 25 लाख आय वालों को 1 लाख का फायदा होगा। टीडीएस प्रोसेस आसान की जाएगी और इसे डिक्रमनलाइज किया जाएगा। टीडीएस लिमिट 2.5 लाख से 6 लाख होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीदों के अनुरूप मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किये जाने की घोषणा की। यह छूट नई आयकर व्यवस्था में दी गयी है। इसके साथ ही नए इनकम टैक्स बिल का ऐलान भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया।
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतामरमण ने देश के लाखों इनकम टैक्स पेयर्स को बड़ी सौगात दी है। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स छूटी की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। इससे टैक्सपयर्स की बचत होगी और हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा आएंगे। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छी खबर है। मांग बढ़ने से इंडियन इकोनॉमी में तेजी आएगी जो भारतीय बाजार को भी बूस्ट करने का काम करेगा।
न्यू इनकम टैक्स में टैक्स स्लैब की दर
- 12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
- 0 से 4 लाख की आय पर जीरो टैक्स देना होगा
- 4 से 8 लाख की सालाना आय पर 5% की दर से टैक्स देना होगा।
- 8 से 12 लाख रुपये की सालाना आय पर 10% की दर से टैक्स देना होगा।
- 12 से 16 लाख रुपये की सालाना आय पर 15% की दर से टैक्स देना होगा।
- 16 से 20 लाख रुपये की सालाना आय पर 20% की दर से टैक्स देना होगा।
- 8 से 12 लाख रुपये की सालाना आया पर 10% टैक्स देना होगा।
- 20 से 24 लाख की सालाना आय पर 25% की दर से इनकम टैक्स देना होगा
- 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स देना होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 75 हजार रुपये हुई
नौकरी पेशा वाले लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बजट में बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दी गई है। अभी तक यह सीमा 50 हजार रुपये थी। इस बढ़ोतरी के बाद नौकरीपेशा वाले लोगों को 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
इस तरह बढ़ी इनकम टैक्स लिमिट
2005: ₹1 लाख
2012: ₹2 लाख
2014: ₹2.5 लाख
2019: ₹5 लाख
2023: ₹7 लाख
2025: ₹12 लाख
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