
बोस्टन कोर्ट ने हार्वर्ड को लेकर ट्रंप के आदेश को रोका
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि एक अमेरिकी अदालत ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले ट्रंप प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी है हार्वर्ड ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए पहले ही दो मुकदमे दायर किए थे।
कल 23 मई को बोस्टन की अदालत में दायर शिकायत में, हार्वर्ड ने कहा कि विदेशी छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध अमेरिकी संविधान और अन्य संघीय कानूनों का उल्लंघन है इसके साथ ही, इसका विश्वविद्यालय और 7,000 से अधिक वीजा धारकों पर तत्काल और बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार ने एक कलम के झटके से हार्वर्ड के एक चौथाई छात्र-संख्या को खत्म करने की कोशिश की है, जो अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं और जो विश्वविद्यालय और इसके मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।"
अदालत ने लगाया अस्थाई प्रतिबंध
दुनिया की पुरानी यूनिवर्सिटी में शामिल हार्वर्ड ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है।" डेमोक्रेटिक पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से नियुक्त अमेरिकी जिला जज एलिसन बरोज ने इस पॉलिसी पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया हार्वर्ड ने ट्रंप के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। यूनिवर्सिटी ने पहले भी उसे मिलने वाले लगभग 3 बिलियन डॉलर को बहाल करने के लिए मुकदमा दायर किया था इस पर भी ट्रंप प्रशासन ने रोक दिया गया था।
डोनाल्ड ट्रंप को मिला इन लोगों का समर्थन
इस बीच, पॉल, वीस और स्कैडेन आर्प्स जैसी कानूनी फर्में ट्रंप के समर्थन में खड़ी नजर आईं और मुफ्त में लीगल सर्विस देने पर सहमति व्यक्त की। बरोज के फैसले से पहले एक बयान में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अबीगैल जैक्सन ने मुकदमे को खारिज कर दिया। जैक्सन ने कहा, "अगर हार्वर्ड को अपने परिसर में अमेरिकी विरोधी, यहूदी विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों के संकट को खत्म करने की इतनी ही परवाह होती तो वे शुरू से ही इस स्थिति में नहीं होते" उन्होंने आगे कहा, "हार्वर्ड को अपना समय और संसाधन एक सुरक्षित परिसर वातावरण बनाने में खर्च करना चाहिए, न कि तुच्छ मुकदमे दायर करने में।
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