
कृषि मंत्री ने आयोजित किया प्री-खरीफ 2025 की कार्यशाला
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। कृषि मंत्री उ०प्र० सरकार की अध्यक्षता में कल बुधवार को प्री-खरीफ 2025 की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि राज्य मंत्री, प्रमुख सचिव (कृषि), सचिव (कृषि), विशेष सचिव (कृषि), प्रबन्ध निदेशक उ०प्र० बीज विकास निगम एवं कृषि निदेशक उ०प्र० उपस्थित रहे।
कार्यशाला में लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती एवं गोरखपुर मण्डल के मण्डल स्तरीय अधिकारी एवं जनपद के उप कृषि निदेशक तथा जिला कृषि अधिकारी द्वारा प्रतिभाग कर जनपदीय उप कृषि निदेशक द्वारा खरीफ 2025 की जनपद की रणनीति का प्रस्तुतीकरण किया गया, कृषि मंत्री एवं प्रमुख सचिव (कृषि) महोदय द्वारा निम्नवत निर्देशित किया गया।
* अधिकारी जनपदों का नियमित रूप से भ्रमण करें तथा जनपदों में संचालित योजनाओं एवं प्रदर्शनों का सत्यापन कर जनपदीय फसलों के आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने की रणनीति तैयार करें।
* ढैंचा एवं जिप्सम की जनपदों में आपूर्ति सुनिश्चित कराते हुए कृषकों को उसके उपयोग के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाए।
* जनपदीय / मण्डलीय अधिकारी जनपद के लिए आवश्यक फसलों की सामान्य एवं संकर प्रजातियों की सूचना अपर कृषि निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) को उपलब्ध करा दें।
* प्रत्येक दशा में धान की नर्सरी दिनांक 15 मई तक पूर्ण करते हुए रोपाई का कार्य 15 जून तक संपन्न करा लिया जाए।
* प्रक्षेत्रों पर शत-प्रतिशत पंक्ति में बुवाई सुनिश्चित की जाए।
* प्रक्षेत्र के समस्त खण्डों एवं योजनान्तर्गत आयोजित किए जाने वाले प्रदर्शनों के प्लाट का शत-प्रतिशत मृदा परीक्षण कराया जाए तथा उर्वरकों, का प्रयोग संस्तुति के आधार पर किया जाए।
* प्रदर्शनों पर बोर्ड लगाते हुए निर्धारित सूचनाएं अंकित करते हुए शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाए।
* प्रदर्शनों में दलहनी एवं तिलहनी फसलों को प्राथमिकता दी जाए तथा एक विजिटर रजिस्टर रखा जाए जिसमें उस प्रदर्शन का भ्रमण करने वाले प्रत्येक किसान का विवरण अंकित किया जाए।
* धान एवं गेहूँ के रकबा को कम कर दलहनी/तिलहनी/मोटे अनाज का रकबा बढ़ाने का प्रयास किया जाए।
* जनपदों में आयोजित होने वाली क्राप कटिंग में अधिकारी/कर्मचारी शत-प्रतिशत प्रतिभाग कर उनके परिणामों का अंकन किया जाए।
* गन्ने एवं मक्के के साथ यथासंभव अंतः फसली खेती को बढ़ावा दिया जाए।
* मक्का एवं अरहर के आच्छादन में वृद्धि करते हुए उसके उत्पादन की तकनीक कृषकों तक पहुँचायी जाए।
कृषि विभाग स्थापना के 150 वां वर्ष मना रहा है जिसे हम बीज वर्ष के रूप में मना रहे है। अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराते हुए यथासंभव प्रयास कर अभियान चलाकर फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास करते हुए कृषि की विकास दर 20 प्रतिशत से ऊपर ले जाने का प्रयास किया जाए।
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