
उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का तीव्र विकास, कृषि आधारित प्रसंस्करण को दिया जा बढ़ावा
* किसानों से गाजर, मटर, लहसुन, गोभी, मशरूम आदि का प्रसंस्करण कर आय में वृद्धि।
* बैंकों द्वारा निवेशकों को प्राथमिकता से टर्म लोन स्वीकृत
* लखनऊ स्थित राजकीय खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में पीएच.डी. पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने की प्रक्रिया
* प्रथम चरण में 22 जनपदों में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स (बेकरी, बिस्कुट एवं पेय पदार्थ उत्पादन) प्रारम्भ
* प्रदेश के 78 प्रशिक्षण केन्द्रों में पी.जी. एवं डिप्लोमा कोर्स संचालित
* विदेशों से शिक्षा ग्रहण कर आये उत्तर प्रदेश के युवा, यूपी मे स्थापित कर रहे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
* उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति
के निखरकर आ रहे सार्थक परिणाम
* आस्ट्रेलिया एवं वियाना में रहे उ०प्र० के दो निवासी / उद्यमी ने पदेश में स्थापित किया खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
* राजकीय खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रोद्योगिकी संस्थान, लखनऊ में पी०एच०डी० पाठ्यक्रम चालू किए जाने की ओर अग्रसर
* विभिन्न पाठ्यक्रमो मे प्रशिक्षण देकर खाद्य प्रसंस्करण मे रोजगार हेतु युवक युवतियों को बनाया जा रहा है सक्षम और सुयोग्य
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दूरदर्शी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन मे उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन रहा है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 उत्तर प्रदेश में उद्योग, कृषि, शिक्षा एवं रोजगार—चारों क्षेत्रों में व्यापक बदलाव की आधारशिला सिद्ध हो रही है।उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 ने प्रदेश में नई गति और पहचान प्रदान की है।कृषि आधारित प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जा रहा है।प्रदेश में गाजर, मटर, लहसुन, गोभी एवं मशरूम जैसे उत्पादों का उद्यमियों द्वारा क्रय कर प्रसंस्करण कार्य किया जा रहा है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि और स्थानीय रोजगार सृजन हो रहा है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त
जानकारी के अनुसार आस्ट्रेलिया एवं वियाना में रहे उ०प्र० के दो निवासी / उद्यमी ने प्रदेश में क्रमशः फल एवं गन्ना उत्पाद प्रसंस्करण में उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 में निवेश किया गया है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के संस्थान राजकीय खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रोद्योगिकी संस्थान, लखनऊ जो बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से , में विश्वविद्यालय द्वारा दो वर्षीय परास्नातक कोर्स वर्ष संचालित है,जिसमें प्रत्येक वर्ष 40 सीट अनुमन्य है। इस संस्थान से खाद्य प्रसंस्करण मे परास्नातक कर खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों मे कैम्पस सेलेक्शन के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयो मे अच्छे वेतन के साथ तैनाती हुई है। संस्थान के छात्रों की मांग एवं संस्थान को और अधिक उपयोगी बनाने / उच्चीकरण करने के दृष्टिगत राजकीय खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रोद्योगिकी संस्थान, लखनऊ में पी०एच०डी० पाठ्यक्रम चालू किए जाने हेतु कुलपति, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से सहमति एवं तत्काल कार्य क्रियान्वयन हेतु श्री बी एल मीना अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उ०प्र० शासन द्वारा कुलपति, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया है।उक्त के साथ ही साथ प्रदेश में लघु उद्यमो के विकास हेतु बेकरी, बिस्कुट एवं अन्य पेय पदार्थों के उत्पादन / प्रोडक्शन हेतु कुल 75 जनपदों में से प्रथम चरण में 22 जनपदों मे एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम की व्यवस्था प्रतिपादित की जा रही है, ताकि इस क्षेत्र में तकनीकी कार्मिकों की बढ़ती मांग को पूरा कराया जा सके। इन केन्द्रों पर बेकरी, कार्बोनेटेड ड्रिक्स, होलिस्टिक पेय पदार्थों हेतु प्लाण्ट एवं मशीनरी की व्यवस्था उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के अंतर्गत प्राविधानित धनराशि के अंतर्गत किया जाना प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश के कई देशो मे शिक्षा ग्रहण किये लोगो द्वारा प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 योजनान्तर्गत आवेदन किया गया है।इनके द्वारा फल और सब्जी प्रसंस्करण आधारित इकाई स्थापित करने के उददेश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में एफपीओ से टाई अप किया जा रहा है।हाल मे ही राष्ट्रीय शुगर इंस्टीट्यूट द्वारा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के मध्य एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया है। 78 संस्थान / प्रशिक्षण केन्द्रो में एक वर्षीय डिप्लोमा एवं दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट (पी.जी.) का कोर्स कराया जाता है। इन संस्थानों से उत्तीर्ण छात्रों को खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों में रोजगार के सुअवसर उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में संचालित उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 सर्वोत्तम नीति है। प्रदेश सरकार की योजनान्तर्गत उत्तर प्रदेश में 2 साल को अवधि में लगभग 400 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित किया गया,जिनमें से तकरीबन 60 इकाईयों द्वारा उत्पादन प्रारम्भ कर दिया गया है।साथ ही साथ एफ.पी.ओ. एफ.पी.सी. एवं किसानों द्वारा उत्पादन किये जा रहे गाजर, मटर, लहसुन, गोभी, एवं मशरूम का क्रय कर उद्यमियों द्वारा इकाई में प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा हैं। स्थापित इन इकाईयों द्वारा बड़ी संख्या मे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। दूसरे राज्यों यथा-गुजरात, हरियाणा, बिहार, उत्तराखंड के उद्यमियों द्वारा जनपद-रामपुर एवं बरेली आदि जिलों में भूमि लीज पर लेकर खाद्य प्रसंस्करण आधारित इकाईयां स्थापित किये जा रहे हैं। प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने हेतु बैंकों के द्वारा योजनान्तर्गत टर्म लोन स्वीकृत करने हेतु प्रथमिकता दी गई है, जिससे की जनपद तथा प्रदेश में विकास एवं वृद्धि हो।
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