
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया काशी एवं वाराणसी रेलवे स्टेशनों का निरीक्षण
* काशी–वाराणसी- बनारस के समग्र विकास हेतु तैयार किया जा रहा रेलवे मास्टर प्लान
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज 08 नवम्बर 2025 को काशी एवं वाराणसी रेलवे स्टेशनों का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चल रहे विकास कार्यों का जायज़ा लिया एवं भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्टेशन विकास एवं रेल यातायात प्रबंधन से संबंधित विस्तृत योजनाओं पर चर्चा की।
वाराणसी कैंट में सर्कुलेटिंग एरिया के निरीक्षण के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि काशी, वाराणसी और बनारस स्टेशनों का एक एकीकृत मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत यात्री सुविधाओं, ट्रैफिक मूवमेंट, स्टेशन पुनर्विकास एवं रूट रीडिज़ाइनिंग को एक समग्र दृष्टिकोण से विकसित किया जाएगा। इस मास्टर प्लान का उद्देश्य इन तीनों स्टेशनों को आपस में जोड़कर एक सुव्यवस्थित रेल नेटवर्क के रूप में विकसित करना है, जिससे यात्रियों और ट्रेनों का आवागमन और अधिक सुचारू हो सके। उन्होंने बताया कि वाराणसी कैंट स्टेशन क्षेत्र को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार की जा रही है। ताकि यात्रियों को निर्बाध आवागमन की सुविधा मिल सके।
उन्होंने कहा कि वाराणसी कैंट स्टेशन पर नया प्लेटफॉर्म शीघ्र ही तैयार होने जा रहा है, जिससे ट्रेनों के संचालन की क्षमता और यात्रियों की सुविधा में और वृद्धि होगी। इसके साथ ही उन्होंने कैंट स्टेशन पर बन रहे रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की जानकारी प्राप्त की , यह रोपवे स्टेशन क्षेत्र में यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
काशी स्टेशन के निरीक्षण के दौरान उन्हीने काशी स्टेशन के पुनर्विकास के कार्य को देखा जोकि भविष्य की बढ़ती हुई यात्री संख्या को ध्यान में रखते हुए आधुनिकतम सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। यहां ट्रेन संचालन की क्षमता बढ़ाने के लिए ऐसी संरचना विकसित की जा रही है, जिससे भविष्य में काशी स्टेशन से ट्रेनों का ऑरिजिनेशन एवं टर्मिनेशन भी सुचारू रूप से किया जा सके इसके साथ ही दक्षिण भारत की दिशा में जाने वाली ट्रेनों को बनारस स्टेशन से चलाने की योजना पर कार्य चल रहा है। इससे वाराणसी कैंट स्टेशन पर परिचालनिक दबाव कम होगा और ट्रेनों की समयपालन क्षमता में सुधार होगा।
निरीक्षण के दौरान रेल मंत्री ने यह भी बताया कि काशी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास हेतु रेलवे कॉलोनियों के रीडेवलपमेंट (पुनर्विकास) का भी खाका तैयार किया जा रहा है, जिसमें आधुनिक आवासीय परिसर, हरित क्षेत्र एवं सामुदायिक सुविधाएं शामिल होंगी।काशी एवं वाराणसी स्टेशनों का विकास बनारस की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत के अनुरूप किया जा रहा है, ताकि स्टेशन क्षेत्र स्थानीय स्थापत्य कला एवं धार्मिक पहचान को भी संरक्षित रखे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गंगा नदी पर बनने वाले सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। यह ब्रिज “नमो घाट” और “काशी स्टेशन” के बीच बनाया जाएगा, जिसमें 4 रेलवे ट्रैक और 6 हाइवे लेन शामिल होंगी। इस पुल के बनने से रेलवे और सड़क दोनों ही माध्यमों में कनेक्टिविटी अत्यंत सुदृढ़ होगी और यह बनारस के विकास का नया प्रतीक बनेगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद बनारस, काशी एवं वाराणसी क्षेत्र न केवल उत्तर भारत का बल्कि संपूर्ण देश का एक आधुनिक मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब बनेगा, जो श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों सभी के लिए समान रूप से लाभकारी होगा।
इस अवसर पर श्री रवीन्द्र जायसवाल, माननीय स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री अशोक तिवारी, माननीय महापौर, वाराणसी, चेयरमैन रेलवे बोर्ड एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सतीश कुमार, महाप्रबंधक, उत्तर रेलवे, अशोक कुमार वर्मा, मण्डल रेल प्रबंधक/लखनऊ, सुनील कुमार वर्मा तथा रेलवे मुख्यालय एवं लखनऊ मण्डल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।





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