
Ola money और Subsidy के नाम पर ओला कर्मचारी कर रहे गुमराह
लखनऊ। आजकल ईवी गाड़ियों की मांग ज्यादा है। ईवी गाड़ियों में न तो पेट्रोल लगता है और न ही पर्यावरण पर कोई प्रभाव पड़ता है। सरकार भी ईवी गाड़ियों पर सब्सिडी देकर इन्हें बढ़ावा दे रहीं है। लेकिन ईवी बेचने वाली कंपनियों के कर्मचारी ईवी गाड़ियों को बेचने के चक्कर में ग्राहकों के साथ धोखा कर रहें है। झूठे वादे और प्रलोबन देकर कर्मचारी गाड़ियों को बेच रहें है और बाद में ग्राहक इन ईवी आउटलेट पर दौड़ लगा रहे हैं।
आलमबाग टेढ़ी पुलिया आजाद नगर के पास ओला कंपनी का दो पहिया शोरूम है। जहां प्रतिदिन कई गाड़ियां बेची जाती है। लेकिन यहां पर गाड़ी बेचने वाले कर्मचारी ग्राहकों को झूठ बोलकर गाड़ियों को बेच रहे है। अगर ग्राहक अपनी परेशानी को बताता है तो यहां के कर्मचारी लड़ाई पर अमादा हो जाते है।
केस नं.1-फैजुल्लागंज निवासी नितिन सिंह ने बताया कि उन्होंने करीब 6 माह पहले ओला स्कूटी ली थी। ओला कर्मचारी आदित्य कुमार राय ने उन्हें 10 हजार रुपये सब्सिडी मिलने की बात कही थी और साथ में 4 हजार रुपये ओला मनी दिलाने का भी वादा किया था। कई महिने बीत जाने पर भी जब कोई रुपया उन्हें प्राप्त नहीं हुआ तो वह कंपनी गये तो आदित्य कुमार राय फिर बहाने बनाकर टालने लगा। इस पर जब नितिन सिंह ने विरोध दर्ज कराया तो ओला कंपनी के अन्य कर्मचारी लड़ाई पर अमादा हो गये। अब नितिन सिंह अपने को छला हुआ महसूस कर रहे है।
केस नं.2- राजेन्द्र नगर निवासी विनय शुक्ला ने बताया कि उन्हें एक वर्ष हो गया है ओला स्कूटी लिए हुए। गाड़ी लेते समय ओला कर्मचारी ने उन्हें 10 हजार रुपये सब्सिडी और ओला मनी देने का वायदा किया था। लेकिन इतने माह बीत जाने के बाद भी उन्हें सब्सिडी के रुपये प्राप्त नहीं हुए है। वह कई बार ओला कंपनी जा चुके है लेकिन सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि ओला जैसी कंपनी अपने ईवी स्कूटी बेचने के लिए ग्राहकों से झूठा वादा कर रहीं है मगर इस कंपनी पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई।
ग्राहक लगातार हमारे संपर्क में है। कई लोगों की सब्सिडी नहीं आई है। प्रयास है कि जल्द ही ग्राहकों को सब्सिडी दिलाई जा सके।
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