
उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग की जनसुनवाई में कई मामलों का हुआ निस्तारण
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा द्वारा सोमवार को आयोग कार्यालय, तृतीय तल, इन्दिरा भवन, लखनऊ में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों एवं पत्रावलियों पर जनसुनवाई कर समस्याओं का निस्तारण किया गया। सत्यम पटेल बनाम निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, उत्तर प्रदेश के पदोन्नति से संबंधित प्रकरण में विभागीय अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई। निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने तथा प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये।
शिवेन्द्र कुमार बनाम प्रमुख सचिव, वित्त विभाग एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी, सीतापुर के पारिवारिक पेंशन प्रकरण में जानकारी दी गई कि स्व० राजेन्द्र प्रसाद की पत्नी ज्ञानवती की पारिवारिक पेंशन की धनराशि 23,57,798 रूपए खाते में प्रेषित कर दी गई है। प्रकरण का निस्तारण कर दिया गया। डा. आर.डी. यादव बनाम निदेशक, होम्योपैथी, उत्तर प्रदेश के वेतन भुगतान संबंधी प्रकरण में निदेशक स्वयं उपस्थित हुए और निस्तारण के लिए एक माह का समय मांगा। आयोग ने प्रकरण की अगली सुनवाई एक माह बाद निर्धारित की है।
शालिनी जायसवाल बनाम पुलिस आयुक्त, लखनऊ के प्रकरण में आरोप लगाया गया कि आयुष गिरी पुलिस लाइन में तैनाती के बावजूद लगातार सुरक्षा ड्यूटी में रहते हैं, जिससे प्रकरण प्रभावित हो रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन को तत्काल अवगत कराने के निर्देश दिये गये। अशोक कुमार व अन्य बनाम जिलाधिकारी, प्रतापगढ़ के चकमार्ग से अतिक्रमण हटाने के प्रकरण में उपजिलाधिकारी, रानीगंज के अनुपस्थित रहने पर नाराजगी व्यक्त की गई। निर्देश दिये गये कि यदि अगली तिथि पर उपजिलाधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं तो प्रमुख सचिव, नियुक्ति को उनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु लिखा जायेगा।
बबिता सिंह बनाम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बाराबंकी व हरदोई के वेतन भुगतान से संबंधित प्रकरण में भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की गई। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 24 जून 2025 को निर्धारित की गई है। आयोग ने अन्य प्रकरणों में भी अधिकारियों की अनुपस्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि भविष्य में सुनवाई में सक्षम अधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु शासन को पत्र भेजा जाएगा।
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