
भारत को जल्द मिलने जा रही ये स्वेदशी मिसाइलें
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ भारत के स्वदेशी हथियारों के प्रदर्शन से दुनिया के कई देश चौंक गए। भारत की जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह हो गए थे। पाकिस्तान अभी भी इसे भुला नहीं पाया है। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर की चोट खाए पाकिस्तानी आर्मी चीफ की रात की नींद उड़ वाली है क्योंकि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) एयर-टू-एयर मिसाइलों पर तेजी से काम कर रहा है। DRDO के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने एयर टू एयर और एयर टू सरफेस अपकमिंग मिसाइल्स को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आइए जानते हैं कि DRDO प्रमुख ने क्या कुछ कहा है।
अस्त्र मार्क-2, अस्त्र मार्क-3 पर क्या अपडेट है?
DRDO के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने जानकारी दी है कि DRDO एयर-टू-एयर मिसाइलों पर तेजी से काम कर रहा है। अस्त्र मिसाइल पहले ही सेना में शामिल हो चुकी है और अब अस्त्र मार्क-2 और अस्त्र मार्क-3 पर काम चल रहा है। इसके अलावा, रुद्रम मिसाइल भी एक महत्वपूर्ण प्रणाली के रूप में उभर रही है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल की विस्तारित रेंज पर काम चल रहा है, जो अगले 2-3 वर्षों में सेना का हिस्सा बन जाएगी। ब्रह्मोस एनजी (नेक्स्ट जेनरेशन) को विभिन्न विमानों में एकीकृत किया जाएगा। वर्तमान में यह केवल सुखोई विमानों में इस्तेमाल होती है, लेकिन भविष्य में यह और सशक्त होगी। ब्रह्मोस की सटीकता और दुश्मन के लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता इसे एक असाधारण मिसाइल बनाती है।
मिसाइल को लेकर भविष्य की क्या है तैयारी?
भारतीय वायुसेना पुरानी माइका मिसाइल की जगह स्वदेशी अस्त्र पर भरोसा जता चुकी है। अस्त्र मिसाइल को DRDO ने डिजाइन किया है। बेयॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइलें फाइटर जेट को स्टैंड ऑफ रेंज प्रदान करते हैं। भविष्य में इस मिसाइल को तेजस एमके 2, एएमसीए, टेडबीएफ फाइटर जेट्स में भी लगाया जाएगा।
अस्त्र मिसाइल की क्या है खासियत?
- हवा से हवा में मार करने वाली Astra Mk2 मिसाइल बेयॉन्ड विजुअल रेंज कैटेगरी में आती है यानी यानी जहां किसी फाइटर जेट या अटैक हेलिकॉप्टर का पायलट नहीं देख सकता, वहां भी यह मिसाइल एकदम सटीक हमला करती है।
- यह मिसाइल टारगेट पर नजर रखती है। वह कितना भी दाएं-बाएं हो, उससे टकराकर फट जाती है।
- इसका वजन 154 किलोग्राम है। लंबाई 12.6 फीट है और व्यास 7 इंच है।
- अस्त्र एमके-2 मिसाइल में हाई-एक्सप्लोसिव या प्री-फ्रैगमेंटेड एचएमएक्स हथियार लगा सकते हैं। यह अपने साथ 15 KG का हथियार ले जा सकती है।
- इसकी रेंज 130 से 160 km है। यह अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जाती है। यह 5556.6 km/घंटा की रफ्तार से दुश्मन की ओर जाती है।
भारत बनाएगा 'आयरन डोम' जैसा डिफेंस सिस्टम!
डॉ. कामत ने बताया कि भारत आयरन डोम जैसे लेयर्ड डिफेंस सिस्टम पर काम कर रहा है। वर्तमान में भारत के पास आकाश मिसाइल, QRSAM, और S-400 जैसी प्रणालियां हैं। इसके अलावा, S-500 के समकक्ष कुशा मिसाइल पर काम चल रहा है। पूरे देश की सुरक्षा के लिए इन प्रणालियों की कई इकाइयों की आवश्यकता होगी। एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को पिछले साल मंजूरी मिली थी। इसका पहला प्रोटोटाइप 2029 तक तैयार होगा, जिसके बाद उड़ान परीक्षण शुरू होंगे। 2034 तक यह परियोजना पूरी होगी और 2035 से AMCA भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनने लगेगा। यह परियोजना प्राइवेट सेक्टर या HAL के साथ मिलकर पूरी की जा सकती है।
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