
अरबों का फर्जीवाड़ा: अंसल के मालिकानों पर पांच और रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ। हाईटेक टाउनशिप के नाम पर अरबों का फर्जीवाड़ा करने वाली अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ शिकायतों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। कंपनी मालिक प्रणव अंसल, सुशील अंसल और अन्य निदेशकों व कर्मचारियों पर दंपति और डॉक्टर समेत पांच ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज कराई है। ग्रुप के निदेशकों और अधिकारियों पर प्लाॅट व फ्लैट के नाम पर करीब 88.26 लाख रुपये की ठगी का आरोप है। इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि मामलों की जांच शुरु कर दी है।
विकासनगर सेक्टर-3 निवासी अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2011 में अंसल एपीआई में एक प्लॉट बुक कराया था। जिसका 15 लाख का भुगतान उन्होंने दिया था। अनिल ने बताया कि उनकी पत्नी राजरानी अग्रवाल सागर इंफ्रा डेवलपर्स की डायरेक्टर हैं। राजरानी ने भी प्लॉट बुक कराकर 24,28,849 रुपये का भुगतान किया था। पीड़ित दंपति ने बताया कि 14 साल तक दौड़ने के बाद भी प्लॉट नहीं मिला है।
वहीं, हजरतगंज के वजीर हसन रोड निवासी प्रतिमा मिश्र ने बताया कि वर्ष 2010 में दो प्लॉट बुक कर 23,52,824 रुपये का भुगतान किया था। बुकिंग के दौरान अंसल निदेशकों ने एग्रीमेंट कर वर्ष 2014 में कब्जा देने का आश्वासन दिया था। फिर भी कब्जा नहीं मिला। उधर, सुशांत गोल्फ सिटी निवासी अर्चना अग्निहोत्री ने वर्ष 2010 में प्लॉट बुक किया था। एग्रीमेंट के तहत उन्हें वर्ष 2013 में कब्जा मिलना था। पीड़िता ने कई बार में 14.59 लाख रुपये जमा किए थे।
इसके अलावा एसजीपीजीआई में तैनात डॉ. रविंद्र यादव ने बताया कि वर्ष 2010 में पत्नी पूनम यादव के नाम पर अंसल के पैराडाइज डायमंड प्रोजेक्ट में एक फ्लैट बुक कराया था। इसके एवज में उन्होंने 5,50,693 रुपये जमा किए थे। वहीं, आलमबाग के अर्जुन नगर निवासी राधा रानी गुप्ता ने वर्ष 2010 में पैराडाइज डायमंड प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कर 5,35,062 रुपये जमा किए थे। 15 साल बाद भी कोई भी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ। रुपये वापस मांगने पर टालमटोल की गई। पीड़िता ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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