24 साल में आया 85 लाख करोड़ का विदेशी निवेश
लखनऊ। भारतीय अर्थव्यवस्था पर दुनिया का भरोसा बढ़ता जा रहा है खासकर साल 2000 के बाद से विदेशी निवेशकों के पैसे लगाने का सिलसिला काफी बढ़ गया है। कोविड 19 महामारी के बाद पिछले 2 सालों को छोड़ दिया जाए तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में भारत की झोली हमेशा भरी रहती है। 2024 में भी अप्रैल से सितंबर तक एफडीआई में 29 फीसदी का उछाल देखा जा रहा है पिछले 24 साल में तो यहां 1 ट्रिलियन डॉलर का एफडीआई आ चुका है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक रिपोर्ट जारी बताया है कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 85 लाख करोड़ रुपये) को पार कर गया है यह देश की वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षित और प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठा को दर्शाता है इस अवधि में एफडीआई की कुल राशि 1,033.40 अरब अमेरिकी डॉलर रही, जिसमें इक्विटी, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल हैं।
किस देश की कितनी हिस्सेदारी
डीपीआईआईटी के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 साल में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश मारीशस से आया, जिसकी कुल एफडीआई में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी है इसके बाद सिंगापुर का नंबर आता है, जिसकी कुल हिस्सेदारी 24 फीसदी है, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी भी 10 फीसदी है इसके अलावा भारत में एफडीआई की हिस्सेदारी में नीदरलैंड (7 प्रतिशत), जापान (6 प्रतिशत), ब्रिटेन (5 प्रतिशत), यूएई (3 प्रतिशत) और केमैन आइलैंड्स, जर्मनी और साइप्रस का भी एफडीआई में योगदान रहा है।
किसने लगाया सबसे ज्यादा पैसा
मॉरीशस से भारत को 177.18 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 15 लाख करोड़ रुपये), सिंगापुर से 167.47 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 14.23 लाख करोड़ रुपये) और अमेरिका से 67.8 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ इनमें से ज्यादातर निवेश सेवा क्षेत्र, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, व्यापार, निर्माण विकास, ऑटोमोबाइल, रसायन और दवा क्षेत्र में आया है।
बीते 10 साल में आया 67 फीसदी निवेश
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, 2014 से भारत ने 667.4 अरब अमेरिकी डॉलर (2014-24) का कुल एफडीआई प्रवाह आकर्षित किया है, जो पिछले दशक (2004-14) की तुलना में 119 प्रतिशत अधिक है। एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दशक (2014-24) में विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 165.1 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले दशक (2004-14) की तुलना में 69 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है इस साल अप्रैल से सितंबर तक भी एफडीआई पिछले साल के मुकाबले 29 फीसदी बढ़कर आया है।
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