हापुड़ के रामलीला मैदान में तीन दिवसीय ‘स्पेशल खादी प्रदर्शनी’ का शुभारंभ
दया शंकर चौधरी
• अध्यक्ष केवीआईसी ने खादी कारीगरों को 50 न्यू मॉडल चरखे (एन.एम.सी) प्रदान किये
• चौधरी चरण सिंह बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केंद्र, पंजोखरा द्वारा कारीगरों के लिए ‘खादी स्पिनिंग रिफ्रेशर कोर्स’ का शुभारंभ
• अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूज्य बापू की विरासत खादी आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बन गई है
• उत्तर प्रदेश में 451 खादी संस्थाओं के माध्यम से 1,24,411 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है
• मंडलीय कार्यालय मेरठ के अंतर्गत 238 खादी संस्थाएं कार्यरत, 82411 कारीगरों को मिल रहा रोजगार
हापुड़/लखनऊ। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने हापुड़ के पिलखुवा स्थित रामलीला मैदान में आयोजित तीन दिवसीय स्पेशल खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अम्बा ग्रामोद्योग सेवा समिति द्वारा वितरित 50 न्यू मॉडल चरखे (एन.एम.सी) का वितरण और चौधरी चरण सिंह बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केंद्र पंजोखरा द्वारा कारीगरों के लिए आयोजित खादी स्पिनिंग रिफ्रेशर कोर्स का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूज्य बापू की विरासत खादी आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बन गई है। खादी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया है और करोड़ों कारीगरों को सम्मानजनक आजीविका प्रदान की है। प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से खादी को नया जीवन और नई ऊर्जा मिली है, जिससे यह एक वैश्विक पहचान के साथ-साथ युवाओं की पहली पसंद भी बन गई है।
अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि तीन दिवसीय स्पेशल खादी प्रदर्शनी में खादी और ग्रामोद्योग संस्थाओं के उत्पादों को बिक्री के लिए प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके माध्यम से कारीगरों को विपणन का नया मंच उपलब्ध होगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कारीगरों के कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर केंद्रित व्यापक सशक्तिकरण अभियान के अनुरूप है। इस अवसर पर, अध्यक्ष केवीआईसी ने कारीगरों से संवाद भी किया, उनके अनुभव सुने और उन्हें केवीआईसी की योजनाओं का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि आज जिन खादी कारीगरों को एन.एम.सी. चरखा प्रदान किया जा रहा है वो ‘चरखा क्रांति’ के सहभागी बन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत’ के सहयात्री बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी कारीगरों की आय 4 रुपये प्रति लच्छा से बढ़ाकर 12.50 रुपये प्रति लच्छा की गयी है। 10 वर्षों में खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 213 प्रतिशत की वृद्धि इस बात का प्रतीक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘खादी क्रांति’ ने देश के कारीगरों के जीवन में बड़े परिवर्तन का रोडमैप तैयार किया है।
अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में ‘नये भारत की नयी खादी’ नये प्रतिमान स्थापित कर ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘खादी क्रांति’ ने पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार को 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 10.17 लाख नये लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां पंजीकृत 451 खादी संस्थाओं के माध्यम से 1,24,411 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है, वहीं मंडलीय कार्यालय मेरठ के अंतर्गत कार्यरत 238 खादी संस्थाएं 82,411 कारीगरों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। इस कार्यक्रम में केवीआईसी के मंडलीय कार्यालय मेरठ से जुड़ी खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता, कारीगर, तथा केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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