
पिछड़े वर्ग के 5 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करेंगे सीएम योगी
* छात्रवृत्ति वितरण के द्वितीय चरण में 4.83 लाख से अधिक छात्रों को वितरित करेंगे 126.68 करोड़ रुपये की धनराशि
* पहले चरण में 2.5 लाख से अधिक ओबीसी छात्रों को लगभग 62.13 करोड़ रुपये की धनराशि से किया जा चुका है लाभान्वित
* पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए अब तक 188 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति होगी वितरित, डीबीटी से बढ़ी पारदर्शिता
* योगी सरकार ने छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति बजट में रिकॉर्ड वृद्धि करते हुए 2025-26 में 3124 करोड़ रुपये से अधिक की व्यवस्था की
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को लोक भवन स्थित ऑडिटोरियम में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में डीबीटी के माध्यम से प्रदेश के लाखों युवाओं के खाते में सीधे छात्रवृत्ति ट्रांसफर करेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने पहली बार वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर माह में ही छात्रवृत्ति वितरण का प्रारंभ किया है। पहले चरण में लगभग 62.13 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय कर 2.5 लाख से अधिक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को लाभान्वित किया जा चुका है। वहीं, द्वितीय चरण में शुक्रवार को 126.68 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय कर 4.83 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया जाएगा। कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि जब प्रदेश का युवा शिक्षित होगा तभी विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश के ‘शताब्दी संकल्प-2047’ को साकार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वंचित एवं कमजोर आय वर्ग के छात्रों के शैक्षिक उन्नयन हेतु छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और पूर्णतः डिजिटल बनाया है। इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में पहली बार सितंबर माह से ही छात्रवृत्ति वितरण प्रारंभ किया गया है उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट 1295 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में 3124.45 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यानी यह 2.5 गुना से अधिक वृद्धि है। केवल छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के बजट में भी उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी की गई है। वर्ष 2016-17 में यह 1092.36 करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 2825 करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति का वितरण अब पूरी तरह ऑनलाइन व डीबीटी के माध्यम से आधार-संलग्न बैंक खातों में किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरितता दोनों बढ़ी हैं। सरकार की इन पहलों का उद्देश्य हर वर्ग के युवा को आत्मनिर्भर बनाना और शिक्षा के माध्यम से समाज में समान अवसर सुनिश्चित करना है। विभागीय योजनाओं के बजट में वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2025-26 में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना का बजट 107.33 रुपये करोड़ से बढ़ाकर 325 रुपये करोड़ किया गया है, जबकि दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के लिए आवंटन 984.62 रुपये करोड़ से बढ़ाकर 2500 रुपये करोड़ कर दिया गया है। इसी प्रकार, शादी अनुदान योजना का बजट 141.55 रुपये करोड़ से बढ़ाकर 200 रुपये करोड़, तथा कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना का बजट 11 रुपये करोड़ से बढ़ाकर 35 रुपये करोड़ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, छात्रावास अनुरक्षण हेतु 5 रुपये करोड़ तथा योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए 1 रुपये करोड़ का प्रावधान पहली बार किया गया है। इन बजटीय बढ़ोतरी से यह स्पष्ट है कि सरकार ने विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं व्यापक लाभार्थी वर्ग तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ठोस वित्तीय प्रतिबद्धता दिखाई है।
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