‘गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एण्ड साइंसेज' में किया गया 411वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना
दया शंकर चौधरी
‘‘ज्ञान से व्यक्तियों का कल्याण होता है इसलिए ज्ञान यज्ञ ही युगधर्म है।’’ ....उमानंद शर्मा।
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एण्ड साइंसेज, गोयल कैम्पस, अयोध्या रोड़ लखनऊ’’ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 411वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री कैलाश यादव ने अपने प्रिय जीवनसाथी स्व. डॉ. वी.एस. यादव जी की स्मृति में तथा उपस्थित चिकित्सकगण एवं छात्र-छात्राओं को अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की। इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ऋषि का सद्साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है। ऊषा सिंह एवं कैलाश यादव एवं विनायक शुक्ला ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
संस्थान के निदेशक डॉ. ओ.पी. वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया। इस अवसर पर उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, ऊषा सिंह, कैलाश यादव, विवेक कुमार, विनायक शुक्ला एवं संस्थान के निदेशक डॉ. ओ.पी. वर्मा, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
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