
कानपुर में केमिकल से भरे ड्रम फटने से 100 दुकानों का माल जलकर राख
कानपुर। शहर के सबसे बड़े बाजारों में शामिल कलेक्टरगंज बाजार में मंगलवार दोपहर जो आगजनी हुई, उसका कारण सामने आ गया है। सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि केमिकल से भरे ड्रम्स फटने की वजह से आग लगी पहले सिलसिलेवार ड्रम फटने से तेज धमाके हुए, उसके बाद दुकानों में रखा सामान जलने लगा इससे आग बढ़ती चली गई लगभग 10 घंटे तक दुकानों में आग की चिंगारी सुलगती रही।
बता दें कि कानपुर में मंगलवार दोपहर 15 से 20 फीट की ऊंचाई पर रहने वालों ने इस आग को अपने अपार्टमेंट या भवन की छत से कई किलोमीटर दूर से देखा। कारोबारियों का दावा है कि आग से 100 से अधिक दुकानें जली हैं हालांकि केमिकल ड्रम फटने के अलावा अवैध ई-रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट से शार्ट सर्किट को भी एक कारण माना जा रहा है। सीएफओ की टीम आज बुधवार से इस मामले की जांच करेगी इस मामले पर भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारी डीएम से भी मुलाकात करेंगे।
100 साल से अधिक पुराने बाजार में हुई घटना: व्यापारी नेता विनोद गुप्ता ने कहा कि 100 साल से अधिक पुराने बाजार में इस तरह की घटना पहली बार हुई है उन्होंने बताया कि कलेक्टरगंज में रोजाना हजारों की संख्या में कारोबारी और श्रमिक मौजूद रहते हैं दूसरे शहरों में यहां से उत्पादों को भेजा जाता है अन्य राज्यों से रोजाना उत्पाद यहां की बाजारों में आते हैं। अगर, आग फैल जाती तो निश्चित तौर पर कानपुर के लिए मंगलवार का दिन काला दिन साबित होता, कारोबारी सुनील बजाज ने कहा कि दुकानों में आग लगने से करोड़ों रुपए के उत्पाद कुछ देर में ही जल गए अब जिला प्रशासन के अफसरों से इसकी भरपाई के लिए मांग करेंगे।
दो साल के अंदर तीसरी घटना: शहर में दो सालों के अंदर आगजनी मामले की तीसरी ऐसी बड़ी घटना हुई, जिसकी चर्चा देश-प्रदेश में हो रही है। मार्च 2023 में जहां कानपुर के बांसमंडी स्थित एआर टॉवर, मसूद कॉम्प्लेक्स व हमराज कॉम्प्लेक्स में आग लगने के बाद हजारों दुकानें जल गई थीं, अरबों रुपए का सामान राख हो गया था। कुछ दिनों पहले ही कानपुर के चमनगंज में एक ही परिवार के पांच लोगों की घर के अंदर जलकर मौत हो गई थी लोग अभी चमनगंज की घटना को भूल भी नहीं पाए थे, तब तक कलेक्टरगंज बाजार में लगी आग ने सभी को चौंका दिया।
आग से बचाव के इंतजाम न होने से बढ़ती मुश्किलें: सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि कानपुर में अधिकतर बाजार ऐसे हैं, जो घनी आबादी के बीच हैं साथ ही यहां की गलियां इतनी संकरी हैं कि एक साथ दमकल के कई वाहन नहीं आ जा सकते इसके बाद ऐसी बाजारों में आग से बचाव के प्रबंध भी नहीं किए जाते हैं इन स्थितियों में आग की घटनाओं में आसानी से काबू पा लेना संभव नहीं है। सीएफओ ने कहा कि कारोबारियों, आमजन व अन्य वर्ग के लोगों को आग से बचाव के प्रबंध स्वयं करने होंगे।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).