
SGPGI में खुला यूपी का पहला इस्केमिक स्ट्रोक यूनिट
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा गुरुवार को उत्तर प्रदेश का ऐसा पहला इस्केमिक स्ट्रोक यूनिट खोला गया है जहां समर्पित स्ट्रोक यूनिट न्यूरोलॉजी विभाग, डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग एक साथ मिलकर काम करते हैं। गुरुवार को संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने 10 बेड वाले इस यूनिट का उद्घाटन किया।
निदेशक द्वारा बताया गया कि यूनिट के आस-पास एक समर्पित सीटी स्कैन, एक डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) सूट और ब्लड टेस्ट लैब भी स्थित है ताकि मरीजों को इधर उधर न भटकना पड़े और उनके इलाज में देरी भी न हो। वहीं यूनिट को इमरजेंसी भवन में ही बनाया गया है क्योंकि गंभीर मरीज सबसे पहले यहां आते हैं। अगर इसे मुख्य भवन स्थित न्यूरोलॉजी विभाग में बनाया जाता तो फिर इमरजेंसी से रेफर करने में मरीज का काफी समय बर्बाद होता। यह यूनिट संस्थान और न्यूरोलॉजी विभाग दोनों के लिए एक मील का पत्थर है।
स्ट्रोक यूनिट में होगा इस्केमिक स्ट्रोक के मरीजों का उपचार
विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि मुख्य रूप से इस यूनिट में इस्केमिक स्ट्रोक के रोगियों का उपचार किया जाएगा। ये ऐसे रोगी हैं होते हैं जिनके शरीर के आधे हिस्से में कमजोरी आ जाती है या फिर मस्तिष्क तक आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं के अवरोध के कारण कोई कमजोरी, दृष्टि, संतुलन, बोलने आदि में दिक्कत आ जाती है। ऐसे मरीजों को कमजोरी महसूस होते ही शुरुआत के 6 घंटे के अंदर स्ट्रोक यूनिट में ले आया जाये तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
जांच होते ही शुरू हो जाता है इलाज
इस यूनिट में ऐसे मरीजों की प्रारंभिक जांच और ब्लड टेस्ट के बाद मस्तिष्क का सीटी स्कैन कराया जाता है। मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव या कमजोरी के कारणों का पता चलते ही उपचार शुरू हो जाता है। विशेषज्ञों ने बताया कि स्ट्रोक यूनिट समय ही मस्तिष्क के सिद्धांत पर काम करती है। इस मौके पर न्यूरोलॉजी एचओडी प्रो. जयंती कलिता, सीएमएस प्रो. देवेंद्र गुप्ता, प्रो. प्रशांत अग्रवाल, रेडियोलॉजी एचओडी प्रो. अर्चना गुप्ता, प्रो. आरके सिंह, प्रो. विमल के पालीवाल, प्रो. विवेक के सिंह, प्रो. डॉ विनीता और न्यूरोलॉजी, रेडियोलॉजी व आपातकालीन चिकित्सा विभागों के तमाम संकाय सदस्य मौजूद रहे।
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