
पसमांदा मुस्लिम समाज ने आयोजित किया वीर अब्दुल हमीद (इदरीसी) की (यौमे शहादत) पुण्यतिथि समारोह
* पेश किया गया ईसाल-ए-सवाब और खिराज-ए-अक़ीदत
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के कार्यालय, लालबाग, लखनऊ में आज विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारत-पाक युद्ध 1965 के महान शहीद, परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद (इदरीसी) की यौमे शहादत (पुण्यतिथि) पर ईसाल-ए-सवाब का आयोजन कर उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ की गई। कार्यक्रम की शुरुआत तक़रीब -ए-फातेहा से हुई, जिसमें उपस्थित लोगों ने उनके लिए दरूद-ए-पाक और कुरआन की तिलावत के माध्यम से फातेहा पढ़ी। उसके बाद खिराज-ए-अक़ीदत अर्पित किया गया, जिसमें सभी ने वीर अब्दुल हमीद के अद्भुत बलिदान को याद करते हुए उन्हें सलाम किया और उनके क़ुरबानी को सराहा। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मंत्री श्री अनीस मंसूरी ने कहा, “आज, 10 सितंबर को हम भारत माता के वीर सपूत, परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद को याद कर उनके बलिदान और देशभक्ति को सलाम करते हैं। शहीद अब्दुल हमीद ने एक सच्चा मुसलमान और निस्वार्थ सैनिक का रोल अदा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने ‘ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर रसूलुल्लाह’ की बात कहते हुए देश की रक्षा की और शहीद हुए। यह हमारा फर्ज़ बनता है कि हम उनके बलिदान को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।” अनीस मंसूरी ने आगे कहा, “इस्लाम शहीदी को सबसे बड़ा दर्जा देता है। शहीद का स्थान सीधा जन्नत में बताया गया है। इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार, शहीद की आत्मा को अल्लाह ताला की रहमत से नवाजा जाता है। हम दुआ करते हैं कि अल्लाह ताला उनकी बलिदान को कबूल करे और उनके जन्नत में उच्च स्थान अता करे।” कार्यक्रम में बडी संख्या में समाजसेवी, धर्मप्रेमी, मुस्लिम बुजुर्ग, युवा और महिलाएं मौजूद रहीं। सभी ने मिलकर फातेहा पढ़ी, सलवात भेजा और वीर अब्दुल हमीद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश भी दिया गया कि शहादत केवल युद्ध भूमि में नहीं, बल्कि हर वह कार्य है जो ईमान और इन्सानियत के लिए किया जाए। समाज को जागरूक करने का यह प्रयास रहा कि देश की सेवा, ईमानदारी और त्याग के रास्ते पर चलना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। अंत में अनीस मंसूरी ने शहीद अब्दुल हमीद की आत्मा की शांति और उनके परिवार के लिए ईश्वर से दुआ की, साथ ही समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर देश सेवा और इंसानियत की राह पर चलने का आह्वान किया। इस मौके पर अबू बक्र इदरीसी ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग कि वीर अब्दुल हमीद के नाम से सैन्य महाविद्यालय खोला जाये। इस मौके पर मोहम्मद असलम एडवोकेट, मौलाना इलियास मंसूरी, फैसल सिद्दीकी, मोहम्मद कलीम गुड्डू, नरेंद्र सिंह यादव, राम प्रकाश मौर्या, सिराज मंसूरी के अतरिक्त काफी लोग मौजूद थे।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).