खिरिया बाग आंदोलन के नेता रामनयन अध्यक्ष, शशिकांत बने क्रांतिकारी किसान यूनियन के महासचिव
लखनऊ। देश का किसान अपनी खेती बचाने व आजीविका की लड़ाई लड़ रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के रूप में एकजुट होकर देश के अन्य वर्गों के साथ एकजुटता बढ़ाते हुए देश में एक नई आजादी की जंग जारी है। यह जंग किसान - मजदूर विरोधी फासीवादी शक्तियों और कॉर्पोरेट ताकतों के खिलाफ होगी। उक्त बातें संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहीं। वह क्रांतिकारी किसान यूनियन के राज्य सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देश में किसान भुखमरी से घिरा है और आत्महत्या करने को मजबूर है। यूपी में 94 फीसदी किसान छोटे और सीमांत है, उनके पास न तो खेती बची है और न कोई दूसरा रोजगार का साधन। ऐसे में देश की रीढ़ किसान सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर है।
उन्होंने बताया कि क्रांतिकारी किसान यूनियन देशभर के किसान संगठनों के साथ एकजुट होकर 13 महीने चले ऐतिहासिक दिल्ली के किसान आंदोलन में सिंघु बार्डर पर संघर्ष करने के बाद अब देश के गांव-गांव में उस संघर्ष को बढ़ाने जुटा है। यूनियन पंजाब के अलावा यूपी, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में भी सक्रिय है। जल्द ही दक्षिणी भारत में भी विस्तार करेंगे। आगामी 20- 21 नवंबर को शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के शहीदी स्थल हुसैनीवाला में यूनियन का राष्ट्र सम्मेलन होगा। जिसमें देशव्यापी आंदोलन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय और घोषणा होंगें।
एमएसपी की कानूनी गारंटी के आंदोलन के बारे में बताते हुए उन्होंनें कहाकि सरकार पिछले कई दशकों से किसानों के श्रम का मूल्य नहीं दे रही है, किसानों को अर्ध कुशल मानकर उसकी मजदूरी तय करती है। कई दशकों से सरकार वाजिब एमएसपी देने से मुकर रही है। तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बावजूद चोरी छिपे खेती में कारपोरेट जगत का दखल बढ़ा रही है। किसान की बेहतरी के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और संपूर्ण कर्जा माफी जरूरी है, जिसके लिए देश का किसान एकजुट संघर्ष में है।
उत्तर प्रदेश की समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में लंबे समय से गन्ना किसान अपने बकाया के लिए चीनी मिलों के सामने धरना दे रहे हैं। बंद चीनी मिलों को पुनः चालू कराने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। राज्य का कोई ऐसा जिला नहीं, जिसमें किसानों से जमीन तो ले ली गई लेकिन अभी तक ना तो पूरा मुआवजा दिया है और ना ही नौकरी और पुनर्वास का वादा पूरा किया गया। ऐसे में राज्य में क्रांतिकारी किसान यूनियन एक सशक्त आंदोलन खड़ा करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के चिनहट इलाके में ही पिछले 35 वर्षों से किसान अपने बाकी मुआवजे और नौकरी के लिए आंदोलन कर रहा है लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही।चिनहट के किसानों के इस संघर्ष में यूनियन साथ है।
बिहार से सटे जिलों बलिया, गाजीपुर में घाघरा और गंगा नदी कटान के कारण सैकड़ो गांव डूब गए हैं। ना तो उन्हें कोई मुआवजा दिया जा रहा है और ना ही पुनर्वास। हम बलिया सहित प्रभावित क्षेत्र में पीड़ित किसानों को संगठित कर आंदोलन में है। विकास के नाम पर नित नये हवाई अड्डे, हाइवे, आवासीय क्षेत्र बनाकर किसानों की जमीन जबरन हड़पने का षड्यंत्र चल रहा है। जबरन भूमि-अधिग्रहण के विरोध में खिरिया बाग आंदोलन और ग्रेटर अलीगढ़ आंदोलन में यूनियन का महत्वपूर्ण योगदान है।
संयुक्त किसान मोर्चा की आगामी रणनीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि देश के किसानों की संगठित शक्ति अब मजदूर आंदोलन के साथ जुड़कर देश की राजनीति की धुरी बन गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय श्रमिक संगठन के साथ साझा मोर्चा बनाकर देश में आंदोलन छेड़ रखा है। हम खेत मालिकों के साथ ही भूमिहीन खेतिहर मजदूरों की लड़ाई भी लड़ेंगे। हम अपनी अगली पीढ़ी युवाओं के शिक्षा और रोजगार के लिए भी संघर्ष करेंगे।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रथम राज्य सम्मेलन में डॉक्टर दर्शन पाल के अलावा पंजाब के राज्य महासचिव गुरमीत सिंह महिमा, वरिष्ठ किसान नेता राजगुरविंदर सिंह और बिहार के संयोजक मनोज कुमार ने भी अपनी विचार रखे। राज्य सम्मेलन की शुरुआत में अतिथियों के स्वागत के पश्चात राज्य प्रभारी शशिकांत अलीगढ़ी ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि दिल्ली आंदोलन के बाद से यूनियन यूपी के एक गांव का संगठन आज 17 जिलों में विस्तार कर रहा है। यूपी में जबरन भूमि अधिग्रहण, स्मार्ट मीटर और बिजली के निजीकरण के विरोध, बंद चीनी मिलों को पुनः चालू करने जैसे तमाम मुद्दों पर यूनियन आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।
राज्य सम्मेलन में प्रदेश कार्यकारिणी का चुनाव संपन्न हुआ। आजमगढ़ में मंदूरी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के विरोध में चल रहे खिरिया बाग आंदोलन के नेता रामनयन यादव सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष और राज्य प्रभारी शशिकांत को महासचिव चुना गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष नगेन्द्र चौधरी, उपाध्यक्ष शकुंतला देवी, हरी सिंह यादव, बलवंत यादव, रामरतन, सुधाकर राव, कोषाध्यक्ष एकादशी यादव, सुशील कुमार संगठन सचिव, कार्यकारिणी सदस्य अजय लोधी, विमलेंद्र कुमार, गरीब राजभर, मोतीलाल, प्रेमनारायण चुने गए।
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