
फर्जी डिग्रियां बेचने वाली मोनाड यूनिवर्सिटी पर एक्शन
हापुड़। मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियां बेचने के मामले का खुलासा होने के बाद प्रशासन एक्शन मोड में है। हापुड़ के जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय और पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने यूनिवर्सिटी की मान्यता और रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की है अधिकारियों की तरफ से मान्यता रद्द करने की संस्तुति वाला पत्र शासन को भेज दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि पिलखुवा की सीओ अनिता चौहान द्वारा मोनाड यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द करने की संस्तुति सहित आख्या भेजी गई है इसमें एसटीएफ द्वारा यूनिवर्सिटी में छापेमारी के दौरान 1400 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां मार्कशीट, सैकड़ों ब्लैंक मार्कशीट, प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट बरामद किए गए थे इस मामले में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन बिजेंद्र सिंह सहित अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है इसी रिपोर्ट के आधार पर मान्यता और रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की गई है।
क्या था पूरा मामला: जनपद हापुड़ के पिलखुवा स्थित मोनाड विश्वविद्यालय में यूपी एसटीएफ के सीओ संजीव कुमार के नेतृत्व में 50 अधिकारियों की टीम ने छापेमारी की थी इस दौरान फर्जी अंकपत्र, डिग्रियां और अन्य शैक्षणिक दस्तावेज, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, सर्वर सिस्टम जब्त किया गया था यूनिवर्सिटी से दो हजार से ज्यादा फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं इनकी फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।
शुरुआती जांच में दस्तावेज फर्जी निकले: शुरुआती जांच में पता चला कि बरामद दस्तावेज फर्जी हैं, क्योंकि इनमें उपयोग किए गए एनरोलमेंट नंबर विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में नहीं पाए गए। बरामद दस्तावेजों पर विश्वविद्यालय का नाम और डिजिटल हस्ताक्षर तो थे, लेकिन वह भी फर्जी मिले एसटीएफ की छापेमारी में जब्त किए गए सभी डिजिटल उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा इससे यह पता चल सकेगा कि फर्जी दस्तावेजों का निर्माण और वितरण कैसे किया जा रहा था? साथ ही इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे।
11वां आरोपी हरियाणा से गिरफ्तार: इस मामले में पुलिस ने मेरठ के कंकड़खेड़ा निवासी यूनिवर्सिटी चेयरमैन बिजेंद्र सिंह हुड्डा, संदीप सहरावत, कमल बत्रा, विपुल ताल्या चौधरी, इमरान, गौरव शर्मा, मुकेश ठाकुर, नितिन सिंह, सनी कश्यप, कुलदीप सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पिलखुवा थाना प्रभारी पटनीश कुमार ने बताया कि मामले में यूपी एसटीएफ व पिलखुवा पुलिस ने हरियाणा से 11वें आरोपी राजेश को गिरफ्तार किया इसके पास से भी भारी मात्रा में फर्जी और ब्लैंक मार्कशीट, मोहरें, प्रिंटर आदि बरामद किया गया है।
हरियाणा में प्रिंट होती थीं डिग्रियां: यह भी पता चला है कि हरियाणा से पकड़ा गया 11वां आरोपी राजेश एक प्रिंटिंग प्रेस से पीएचडी, एलएलबी, बीफार्मा, डीफार्मा, बीटेक समेत कई अन्य कोर्सेस की फर्जी डिग्रियां बनाकर आगरा से लेकर उत्तराखंड, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में बेचा करता था। प्रेस मालिक को एक डिग्री पर पांच हजार रुपए मिलते थे यह भी जानकारी मिली है कि दो अन्य यूनिवर्सिटी भी मोनाड के संपर्क में थीं।
कौन है बिजेंद्र सिंह हुड्डा: यूनिवर्सिटी के मालिक और चेयरमैन चौधरी बिजेंद्र सिंह हुड्डा का नाम 15 हजार करोड़ रुपए के बाइक बोट घोटाले में भी सामने आया था तब इस पर 5 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया गया था पिछले लोकसभा चुनाव में बिजेंद्र सिंह ने बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गया था। 2018 में बिजेंद्र सिंह ने 57 एकड़ में फैली इस यूनिवर्सिटी को 160 करोड़ में खरीदा था अपने राजनीतिक रसूख और पैसे की ताकत की वजह से यह यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियां बेचने का धंधा कर रहा था जानकारी के मुताबिक यह डिग्रियां 4-4 लाख रुपए में बेची जाती थी।
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