
‘नमस्ते दिवस’ के अवसर पर लखनऊ में विशेष कार्यक्रम का किया गया आयोजन
दया शंकर चौधरी
* केंद्रीय सामाजिक न्याय एव अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने सीवर एवं सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSWs) एवं वेस्ट पिकर्स को PPE किट और आयुष्मान कार्ड का किया वितरण
* केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने वेस्ट पिकर के लिए हेल्पलाईन (14473) का बटन दबाकर किया शुभारम्भ
* जिन लोगों को कोई पूछता भी नहीं था, उनको प्रधानमंत्री पूजते हैं-केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयेजित किये गये ‘नेशनल एक्शन फॉर मेकेनाईज्ड सेनिटेशन इकोसिस्टम (NAMASTE) दिवस कार्यक्रम के अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री बी. एल. वर्मा वेस्ट पिकर (कचरा उठाने वाले) के लिए हेल्पलाईन (14473) का बटन दबाकर शुभारंभ किया और सीवर एवं सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSWs) एवं वेस्ट पिकर्स को PPE किट और आयुष्मान कार्ड का वितरण किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये केन्द्रीय राज्य मंत्री
बी. एल. वर्मा ने कहा कि जिनको कोई नहीं पूछता था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पूजकर सम्मान देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गयी थी। उस अभियान के बाद से देश की तस्वीर में ज़मीन-आसमान का फर्क आया है। वर्मा ने कहा कि स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी भी है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि "नमस्ते योजना" केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक संकल्प है, जिसके तहत देशभर में सीवर और सेफ्टिक टैंक में कार्यरत श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नमस्ते योजना के तहत अब तक 85067 सीवर सेप्टिक टैंक वर्कर्स की प्रोफाईलिंग की जा चुकी है तथा 45871 सीवर सेप्टिक टैंक वर्कर्स को पी.पी.ई. किट्स प्रदान किए जा चुके हैं तथा 40166 वर्कस को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं कैबिनेट में यह संदेश दिया था कि न केवल अपने घर बल्कि अपने कार्यालयों की स्वच्छता की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। उन्होंने कहा कि इसी के परिणामस्वरूप भारत सरकार के मंत्रालयों ने जब पहली बार अपने पुराने कबाड़ की सफाई कर उसे नीलाम किया तो 61 करोड़ रुपये से अधिक की आय प्राप्त हुई। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि नमस्ते योजना के माध्यम से मैला ढोने की प्रथा पर रोक, मानव-संपर्क के बिना आधुनिक तकनीक से सफाई कार्य, और स्वच्छता कर्मियों की सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
इस कार्यक्रम में सीवर एवं सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSWs) के व्यवसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए ए.आर. / वी.आर. प्रशिक्षण माडयूल का शुभारम्भ एवं नमस्ते योजना के तहत PPE Kits के महत्व को समझाने एवं उपयोगिता बढ़ाने हेतु आकर्षक रंग परिधान कार्यक्रम (फैशन शो) का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर लखनऊ में कुल 933 तथा 1563 वेस्ट पिकर्स प्रोफाइलिंग में मान्य हो चुके हैं, जिनमें से 20 SSWs एवं 20 Waste Pickers को कार्यक्रम के दौरान सांकेतिक रूप से PPE किट और 24 सेनिटेशन वर्कस को आयुष्मान कार्ड प्रदान किए। साथ ही साथ ERSU के लिए सुरक्षा उपकरणों का वितरण किया गया।
यह कार्यक्रम "वंचितों को वरीयता' के प्रति सराकर की प्रतिबद्धता की पुष्टि का गवाह बना, यह सुनिश्चित करते हुए कि जिन लोगों को ऐतिहासिक रूप से कम सेवा दी गई है या जिनकी अनदेखी की गई है, उन्हें उचित सहायता प्रदान की जा रही है जिसके वे हकदार हैं। हाशिए पर पड़े लोगों को प्राथमिकता देने के लिए यह समर्पण सरकार के "विकसित भारत' के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहां प्रत्येक व्यक्ति को भारत की विकास यात्रा में योगदान करने और उससे लाभान्वित होने का अवसर मिला है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री अरुण असिम, पिछड़ी जाति कल्याण एवं दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग मंत्री नरेन्द्र कश्यप, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार योगिता स्वरुप, यूएनडीपी की भारत प्रतिनिधि एंजेला लुसिगी भी उपस्थित रहीं।
क्या है नमस्ते योजना
यंत्रीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी के लिये राष्ट्रीय कार्रवाई अथवा ‘नमस्ते’ योजना सरकार की मानव- केन्द्रित दृष्टिकोण का एक ऐसा विधान है, जहां किसी भी सफाई कर्मचारी को सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे खतरनाक कार्य को अपने हाथों से नहीं करना होगा। नमस्ते योजना की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त तौर पर शुरूआत की गई, जिसे राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) द्वारा 349.73 करोड़ रूपये के बजट आवंटन के साथ वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीन वर्ष के लिये क्रियान्वित कर रहा है।
योजना में सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मियों यानी एसएसडब्ल्यू के लिये कई तरह की पात्रतायें उपलब्ध हैं। एसएसडब्ल्यू को एक डिजिटल एप्लीकेशन के जरिये प्रोफाइल किया जा रहा है और उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराई जा रही है, सुरक्षा उपकरणों तक उनकी पहुंच हो रही है, पेशे से जुड़े सुरक्षा प्रशिक्षण, स्वास्थ्य बीमा कवरेज और स्वच्छता से जुड़े सब्सिडीयुक्त वाहनों/मशीनों के माध्यम से स्वच्छता क्षेत्र में आजीविका अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उपयुक्त क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हें खुद के स्वच्छता उद्यम (सेनिप्रेन्योर) के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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