वर्ल्ड साईट डे के मौके पर टाईटन आई प्लस लेकर आए ‘आई टेस्ट मैन्यू’
लखनऊ। टाईटन आई प्लस का उद्देश्य ट्रक, रिक्शॉ एवं कैब ड्राइवरों तथा डिलीवरी कर्मचारियों को आंखों की देखभाल के बारे में जागरुक बनाना है। जून 2024 के बाद से टाईटन आई प्लस देश भर के 900 से अधिक स्थानों पर 7000 से अधिक ड्राइवरों की जांच कर चुका है।
भारत की सड़कों को सुरक्षित बनाने की अपनी थीम के तहत देश के अग्रणी आई केयर ब्राण्ड टाइटन आई प्लस ने ऐसे मुद्दों को हल करने के लिए एक अभियान की शुरूआत की है, जो पेशेवर ड्राइवरों की आंखें कमज़ोर होने के कारण सड़क पर लोगों के कीमती जीवन के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।
दुनिया भर में लोगों को दृष्टि दोष एवं आंखों के स्वास्थ्य के महत्व पर जागरुक बनाने के लिए ‘वर्ल्ड साईट डे (विश्व दृष्टि दिवस)’ का आयोजन किया जाता है। इस ‘वर्ल्ड साईट डे’ के मौके पर टाईटन आई प्लस ने उन लोगों की आंखों की समस्याओं को समझने का प्रयास किया जिनका ज़्यादातर समय सड़क पर बीतता है। इस अवसर पर ब्राण्ड खासतौर पर ट्रक ड्राइवरों के लिए एक रचनात्मक समाधान ‘आई टेस्ट मैन्यू’ लेकर आया है। ट्रक ड्राइवरों का ज़्यादातर समय वाहन चलाने में ही बीतता है, और बेहद व्यस्त होने के कारण अक्सर वे अपनी आंखों की देखभाल पर ध्यान नहीं दे पाते। उनकी इसी ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए टाईटन आई प्लस ने उनके लिए आंखों की देखभाल में बदलाव लाने का फैसला लिया है।
इस पहल के तहत टाइटन आई प्लस ने महत्वपूर्ण लोकेशनों जैसे ढाबों पर आई टेस्ट कैम्प लगाए हैं, जहां अक्सर ट्रक डाइवर रूकते हैं। खाने के लिए ढाबे पर रूकने वाले ट्रक ड्राइवर अब अपनी आंखों की देखभाल का मौका पा सकते हैं। ब्राण्ड इन ढाबों पर फूड मैन्यू के साथ-साथ ‘आई टेस्ट मैन्यू’ भी लेकर आया है, एक बेहतरीन तरीका जो इन ड्राइवरां की आंखों की जांच कर किसी भी तरह के दृष्टि दोष का पता लगाने में मदद करेगा। ये मैन्यू दीवारों पर डिस्प्ले किए गए, जिसके तहत ऑर्डर करने के लिए ड्राइवरों ने ‘आई टेस्ट मैन्यू’ के साथ इंटरैक्ट किया, जिसने उनकी आंखों की समस्या को तुरंत हाईलाईट किया।
इस पहल पर बात करते हुए मनीष कृष्णमूर्ति (मार्केटिंग हैड, आईकेयर डिविज़न, टाईटन कंपनी) ने कहा, ‘हर साल वर्ल्ड साईट डे के मौके पर टाईटन आई प्लस लोगों को आंखों की देखभाल के बारे में जागरुक बनाने का प्रयास करता है। इस साल हमारी थीम है ‘भारत की सड़कों को सुरक्षित बनाना’ और हमारी सड़कें उतनी ही सुरक्षित हैं, जितने सुरक्षित इन पर वाहन चलाने वाले ड्राइवर हैं।’
‘आई टेस्ट मैन्यू’ फिल्म को ओगिल्वी की टीम ने तैयार किया है, हमें इस इनोवेशन पर गर्व है क्योंकि यह न सिर्फ आंखों की जांच करता है, बल्कि उन लोगों तक भी पहुंचता है, जिन्हें आंखों की देखभाल की ज़रूरत है।’’
इन ढाबों पर आयोजित आई टेस्ट कैम्प के दौरान नेत्र विशेषज्ञों (ऑप्टोमीट्रिस्ट) ने ड्राइवरों की निःशुल्क नेत्र जांच की। जिन ड्राइवरों की नज़र कमज़ोर पाई गई, उन्हें चश्में लगाने की सलाह दी गई, साथ ही कई स्टाइल्स में से अपनी पसंद का चश्मा चुनने का विकल्प भी दिया गया। बाद में कीमत पर छूट देकर उनके चश्मे उनके घर के पते पर डिलीवर करवाए गए।
इस अभियान ‘भारत की सड़कों को सुरक्षित बनाना’ ने न सिर्फ समुदाय के लिए आंखों की ज़रूरी देखभाल को आसान बनाया है बल्कि यह अब तक 7000 से अधिक ड्राइवरों तक पहुंच चुका है और अपने प्रभाव का विस्तार जारी रखे हुए है। इस पहल का विस्तार करते हुए टाईटन आई प्लस नम्मा यात्री एवं अन्य प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर डिलीवरी पार्टनर्स, रिक्शॉ ड्राइवर्स और कैब ड्राइवर्स को निःशुल्क नेत्र जांच सुविधाएं प्रदान करता है। ये सभी हमारी परिवहन प्रणाली के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि हर 3 ड्रक ड्राइवरों में 1 ड्राइवर की नज़र कमज़ोर है, जिसका असर उनकी सुरक्षित ड्राइविंग की क्षमता पर पड़ता है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो भारत में बड़े वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या बहुत अधिक है। हाल ही के वर्षों में ट्रक और लॉरी से 25,000 से अधिक दुर्घटनाएं (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 2022) हुई और 10,000 से अधिक मौतें (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 2022) दर्ज की गईं। इतने जोखिम के बावजूद बहुत से ड्राइवर अपनी आंखों की देखभाल की अनदेखी करते हैं। ऐसे में टाईटन आई प्लस की यह पहल समुदायों को आंखों की देखभाल पर जागरुक बनाकर समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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