
महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा सबसे प्रभावी माध्यम: उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय
दया शंकर चौधरी
अलीगढ़/लखनऊ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा है कि महिलाओं के सशक्तिकरण में शिक्षा की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर समाज में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। वे राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय परिसर अलीगढ़ में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित ‘गर्विता’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार महिला उच्च शिक्षा के लिए नए संस्थान स्थापित कर रही है और छात्रवृत्तियों के माध्यम से बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर दिया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित छात्राओं से आह्वान किया कि वे शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें मिशन शक्ति अभियान और विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं शामिल हैं।
कार्यक्रम में कुलपति ने उच्च शिक्षा मंत्री का स्वागत किया और विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली विशिष्ट महिलाओं को सम्मानित किया। महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक डॉ. इंदु वार्ष्णेय ने कुलपति की धर्मपत्नी श्यामकिशोरी सिंह को शॉल एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इसी क्रम में शहर की प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. उषा शेखर, सेवानिवृत्त प्रचार्या डॉ. रश्मि रेखा पांडे, मार्शल आर्ट चैंपियन शालिनी चौहान, मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कल्पना सिंह और नीलम सिंह को कुलपति द्वारा शॉल एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में कुलसचिव वी. के. सिंह ने महिला दिवस के महत्व पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. गीतिका सिंह (गृहविज्ञान विभाग), प्रो. अंजना कुमारी, प्रो. नीता वार्ष्णेय, डॉ. रंजना गुप्ता, डॉ. रजनी वार्ष्णेय, डॉ. नीरू वार्ष्णेय, डॉ. शालिनी अग्रवाल, डॉ. दुर्गा, डॉ. रीता, डॉ. सुरभि गुप्ता, डॉ. बबीता शर्मा, डॉ. कीर्ति राजपूत सहित अनेक शिक्षकों और अतिथि प्रवक्ताओं ने कार्यक्रम की सफलता में विशेष योगदान दिया। अंत में प्रो. अंजना कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
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