
पसमांदा मुस्लिम समाज ने 11 मार्च को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कल एक महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशभर के पसमांदा मुस्लिम समाज के नेताओं से 11 मार्च 2025 को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
अनीस मंसूरी ने कहा कि संसदीय समिति द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम के मसले पर एकतरफा रिपोर्ट पेश की गई है, जिसे भाजपा के दबाव में तैयार किया गया है। समिति ने पसमांदा मुस्लिम समाज के नेताओं और देशभर के प्रबुद्ध मुस्लिम समाज के व्यक्तियों की राय को पूरी तरह से नकार दिया। यह अधिनियम पसमांदा समाज के लिए अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि इससे न केवल समाज के अधिकारों पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना भी करता है।
अपने संदेश में अनीस मंसूरी ने पसमांदा मुस्लिम समाज के सभी नेताओं और सदस्यों से आग्रह किया कि वे 11 मार्च 2025 को अपने-अपने जिलों में काला फीता बांधकर विरोध दर्ज करें। साथ ही, वे अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें, ताकि विरोध का संदेश व्यापक स्तर पर फैल सके। इस दिन समाज के लोग जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अपनी नाराजगी और विरोध दर्ज कराएंगे।
अनीस मंसूरी ने इस बात पर जोर दिया कि उनका विरोध शांतिपूर्ण और सभ्य तरीके से होना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारा यह विरोध किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए है। हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को उठाना चाहते हैं और यह प्रदर्शन केवल एक तरीका है, ताकि हमारी आवाज़ सरकार तक पहुंचे।"
मंसूरी ने आगे कहा, "पसमांदा मुस्लिम समाज हमेशा से लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने वाला समाज रहा है, और हमें यह विश्वास है कि अगर हम एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए खड़े होंगे, तो हमें न्याय मिलेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह विरोध केवल पसमांदा समाज के लिए नहीं, बल्कि समग्र मुस्लिम समुदाय और अन्य उत्पीड़ित वर्गों के लिए एक संदेश है कि हम अपने अधिकारों को लेकर चुप नहीं रह सकते।
पसमांदा मुस्लिम समाज के अन्य नेताओं ने भी इस विरोध में भाग लेने की बात कही है और समाज के सभी सदस्यों से अपील की है कि वे इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएं। उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से अहिंसक और लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा, ताकि समाज की आवाज़ को सम्मानजनक तरीके से सुना जा सके। साथ ही, यह भी बताया गया कि सभी विरोध प्रदर्शन शांति और संयम के साथ आयोजित किए जाएंगे, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो और समाज का संदेश सही तरीके से सरकार तक पहुंचे।
इस विरोध प्रदर्शन की अपील ने पसमांदा मुस्लिम समाज के नेताओं और अन्य मुस्लिम संगठनों में उत्साह का माहौल बना दिया है और उम्मीद की जा रही है कि यह आंदोलन एक मजबूत संदेश देगा, जो सरकार और संसद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है।
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