
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ अनीस मंसूरी के नेतृत्व में देशभर में विरोध, लाखों लोगों ने बांधी काली पट्टी
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी के नेतृत्व में आज (11 फरवरी) देशभर में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध जताया गया। इस काले कानून के खिलाफ लाखों लोगों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। अनीस मंसूरी लंबे समय से इस अधिनियम का विरोध कर रहे हैं और इसे पसमांदा मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बता चुके हैं।
वक्फ संपत्तियां पसमांदा मुसलमानों की धरोहर
अनीस मंसूरी ने कहा कि वक्फ संपत्तियां पसमांदा मुसलमानों की धरोहर हैं और इस पर किसी भी तरह की सरकारी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों के जबरन अधिग्रहण की साजिश है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "सरकार का यह कदम पसमांदा मुसलमानों के हक और उनकी जमीन छीनने की कोशिश है।"
देशभर में हुआ विरोध प्रदर्शन
इस विरोध प्रदर्शन के तहत उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटका, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में लाखों लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। अनीस मंसूरी ने कहा कि यह विरोध सिर्फ एक शुरुआत है और अगर सरकार ने इस अधिनियम को वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
सरकार से कानून वापस लेने की मांग
उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इस संशोधन को तत्काल वापस ले, अन्यथा इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित करने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
समाज में बढ़ता असंतोष
इस कानून के खिलाफ समाज में असंतोष लगातार बढ़ रहा है। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी इस अधिनियम का विरोध किया है और इसे पसमांदा मुसलमानों के हक पर कुठाराघात बताया है।
आंदोलन होगा और तेज
अनीस मंसूरी ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो विरोध प्रदर्शन को और व्यापक किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हर लोकतांत्रिक और संवैधानिक उपाय अपनाएंगे।"
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