
सरकार और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच बढ़े विवाद
नई दिल्ली। अमेरिका में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी विवाद जोर पकड़ता जा रहा है संघीय अदालत द्वारा ट्रंप प्रशासन के फैसले पर रोक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के तेवर और कड़े हो गए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े कई अन्य मुद्दों को उठाया है। राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 31 फीसदी छात्र विदेशी है जबकि विदेशों से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को कोई भी पैसा नहीं मिलता है सारा खर्च अमेरिका उठा है। विदेशी छात्रों में कई छात्र ऐसे देशों से हैं जो अमेरिका के खिलाफ है कई छात्र अमेरिका विरोध गतिविधियों में शामिल हैं इन मुद्दों को उठाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उन 31 फीसदी विदेशी छात्रों के डिटेल्स प्रदान करने की मांग की है।
मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि हार्वर्ड में आने वाले छात्रों में से करीब 31 प्रतिशत विदेशी हैं. सरकार संस्थान को अरबों डॉलर देती है ये हास्यास्पद है हम अनुदान देते हैं हम शायद अब हार्वर्ड को ज्यादा अनुदान नहीं देंगे वे हमें यह बताने से इनकार करते हैं कि वे लोग कौन हैं हम जानना चाहते हैं कि वे लोग कौन हैं।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों की संख्या बहुत अधिक है इसके कारण जो अमेरिकी इस संस्थान में अध्ययन करना चाहते हैं, वे ऐसा नहीं कर पाते हैं उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों की संख्या यह बहुत अधिक है हमारे पास ऐसे अमेरिकी हैं जो वहां और अन्य संस्थानों में पढ़ना चाहते हैं, पर वे वहां नहीं पढ़ सकते क्योंकि संस्थान में 31 प्रतिशत विदेशी हैं कोई भी विदेशी सरकार हार्वर्ड को पैसे नहीं देती है, हम देते हैं तो ऐसे में विदेशी छात्रों की संख्या इतनी अधिक क्यों हैंं?' हार्वर्ड विश्वविद्यालय के दूसरे बड़े मुद्दे को उठाते हुए ट्रंप ने कहा कि हमें उन विदेशी छात्रों की सूची चाहिए हम पता लगाएंगे कि वे ठीक हैं या नहीं.. मेरा मानना है कि उनमें से कई ठीक होंगे और मेरा मानना है कि हार्वर्ड के साथ उनमें से कई खराब होंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति का तीसरा और अहम मुद्दा यहूदी-विरोधी भावना है ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि यदि कोई यहूदी-विरोधी है तो उसे तुरंत रोकने की जरूरत है। हार्वर्ड और ट्रंप प्रशासन के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है ट्रंप प्रशासन विश्वविद्यालय से मांग करता है कि वह संस्थान के कार्यक्रम, नियुक्ति और प्रशासन में बदलाव करे जिससे कि विश्वविद्यालय में यहूदी विरोधी भावना को खत्म किया जा सके।
प्रशासन ने विदेशी छात्रों और कर्मचारियों को निशाना बनाया है जिनके बारे में उसका मानना है कि वे इजरायल-हमास युद्ध को लेकर परिसर में हुए विवादास्पद विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा थे। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संघीय अदालत में मुकदमा दायर करने के बाद एक संघीय न्यायाधीश ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया था।रिपोर्ट के अनुसार, हार्वर्ड ने तर्क दिया सरकार की वैचारिक मांगो को अस्वीकार करने पर प्रतिशोध स्वरूप फैसले लिए गए।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिले से रोकने के अपने प्रशासन के फैसले के बारे में ट्रंप ने कहा था कि हार्वर्ड को अरबों डॉलर का भुगतान किया गया यह कितना हास्यास्पद है? और उनके पास बंदोबस्ती के रूप में 52 बिलियन अमरीकी डालर है हार्वर्ड को अपने तरीके बदलने होंगे। गुरुवार को व्हाइट हाउस ने कहा, 'विदेशी छात्रों का दाखिला एक विशेषाधिकार है, न कि अधिकार.. इसने हार्वर्ड नेतृत्व पर अपने एक समय के महान संस्थान को अमेरिका-विरोधी, यहूदी-विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों का अड्डा बनाने का आरोप लगाया।
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